ब्रिटिश प्रधानमंत्री बारिश जॉनसन के दो दिवसीय भारत दौरे में दोनों देशों के आपसी संबंधों के अलावा अंतरराष्ट्रीय मुद्दे भी बातचीत के टेबल पर रहे. फ्री ट्रेड एग्रीमेंट, यूके का भारत में निवेश, रक्षा संबंधों में मजबूती, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर, हेल्थ सेक्टर में नजदीकियों के अलावा यूक्रेन, इंडो पेसिफिक और आतंकवाद के मुद्दे पर भी दोनों राष्ट्रध्यक्ष ने महत्वपूर्ण बातचीत की. पीएम मोदी ने हैदराबाद हाउस में अपने संबोधन के दौरान यूक्रेन में युद्ध विराम के अपने मत को फिर से दोहराया और कूटनीतिक समाधान की बात की. इस मसले पर विदेश सचिव ने कहा कि बातचीत के दौरान सेंक्शन को लेकर बारिश जॉनसन का कोई दवाब पीएम मोदी पर नहीं था. यूक्रेन मसले पर जॉनसन ने अपने पर्सपेक्टिव को बताया और हमारे पीएम ने अपने पर्सपेक्टिव को रखा. हमने बताया की लड़ाई जल्द ही खत्म हो ऐसा हम चाहते हैं इस बारे में हमने जोर दिया.
बातचीत के टेबल पर इंडो पेसिफिक को फ्री एंड फेयर रखने का मुद्दा भी आया, जिसप पर जॉनसन पीएम मोदी से सहमत दिखे. साथ ही यूके ने इंडो पेसिफिक मैरीटाइम रिस्पॉन्स को ज्वाइन भी किया, जिसका भारत ने स्वागत किया है. इस बातचीत में खालिस्तान का मुद्दा भी उठा जिसे यूके की जमीन से हवा देने की कोशिश की जा रही है. खालिस्तान के मुद्दे पर हुई बातचीत में पीएम जॉनसन ने हमारे कंसर्न को नोट किया. उन्होंने कहा कि जहां तक खालिस्तान का मुद्दा है हम जीरो टॉलरेंस अपनाएंगे.
भारत की तरफ से पीएम जॉनसन के समक्ष आर्थिक अपराध में संलिप्त भगोड़ों का मसाला भी उठा, जिसकी सूची में विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे बड़े नाम शामिल है. विदेश सचिव हर्षवर्धन ने कहा कि इस मुद्दे पर बात हुई और यूके को बताया गया कि यह हमारे तरफ से महत्वपूर्ण मुद्दा है. पीएम जॉनसन ने कहा कि वो इस मसले को गंभीरता से देखेंगे, पीएम जॉनसन ने इस प्वाइंट को नोट भी किया.
Source : Madhurendra Kumar