फ्रांस सरकार ने सोमवार को कहा कि वह कश्मीर में स्थिति पर करीबी नजर रख रही है और तीन दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांसीसी राष्ट्रपति एमेनुएल मैक्रों के बीच फोन पर हुई बातचीत में इस मुद्दे पर चर्चा हुई थी. फ्रांसीसी राष्ट्रपति के आधिकारिक निवास एलिसी पैलेस द्वारा जारी बयान में कहा गया कि दोनों नेताओं ने कश्मीर में स्थिति पर विश्वास और खुले मन से चर्चा की जो द्विपक्षीय संबंधों की विशेषता है.
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फ्रांसीसी दूतावास द्वारा यहां जारी बयान में कहा गया कि विश्वास और खुलेपन की भावना, जो उनके रिश्ते की विशेषता है, के साथ फ्रांसीसी राष्ट्रपति और भारतीय प्रधानमंत्री ने कश्मीर क्षेत्र की स्थिति पर चर्चा की, जिस पर फ्रांस की करीबी नजर रहती है. भारत सरकार द्वारा मोदी व मैक्रों के बीच हुई बातचीत के बाद शुक्रवार को जारी एक बयान में कश्मीर का जिक्र नहीं था.
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प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी बयान में कहा गया कि दोनों नेताओं ने परस्पर हित से जुड़े द्विपक्षीय मुद्दों के साथ ही क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिति पर चर्चा की. सरकार ने पिछले हफ्ते 15 विदेशी राजदूतों को जम्मू कश्मीर का दौरा कराया था. विदेश मंत्रालय ने कहा था कि इस दौरे का मकसद यह था कि वे अनुच्छेद 370 के रद्द होने के बाद क्षेत्र में स्थिति समान्य बनाने के लिये किये जा रहे प्रयासों को देख सकें. यूरोपीय देशों के राजदूत इस समूह का हिस्सा नहीं थे.
बता दें कि फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुअल मैक्रों ने पिछले दिनों कहा था कि भारत और पाकिस्तान को द्विपक्षीय ढंग से कश्मीर मुद्दे का समाधान निकालना चाहिए और क्षेत्र में किसी तीसरे पक्ष को 'हस्तक्षेप' नहीं करना चाहिए या हिंसा को भड़काना नहीं चाहिए. मैक्रों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ आमने-सामने की मैराथन बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा की थी. वार्ता के बाद एक साझा प्रेस बयान में राष्ट्रपति मैक्रों ने कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें जम्मू-कश्मीर पर भारत द्वारा लिए गए हाल के फैसले से अवगत कराया और यह भी बताया कि यह मसला भारत की संप्रभुता से जुड़ा है.
मैक्रों ने आगे कहा था कि मैंने उनसे कहा कि भारत और पाकिस्तान को इस मुद्दे का समाधान निकालना होगा और किसी तीसरे पक्ष को इस क्षेत्र में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए या हिंसा को भड़काना नहीं चाहिए. उन्होंने कहा था कि क्षेत्र में शांति बनाए रखी जानी चाहिए और लोगों के अधिकारों की रक्षा की जानी चाहिए. फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने कहा, मैं कुछ दिनों बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से भी बात करूंगा और उनसे कहूंगा कि वार्ता द्विपक्षीय होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि फ्रांस अगले महीने भारत को 36 राफेल लड़ाकू विमानों में से पहले विमान की आपूर्ति कर देगा.