राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 71 वीं पुण्यतिथि पर दिल्ली स्थति राजघाट पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. इस दौरान वहां तीनों सेना के प्रमुख भी मौजूद रहे. दांडी स्मारक के लोकार्पण के लिए गुजरात रवाना होने से पहले पीएम मोदी रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ वहां पहुंचे और बापू की समाधि पर पुष्प चढ़ाए.
Delhi: President Ram Nath Kovind pays tribute to #MahatmaGandhi at Rajghat pic.twitter.com/ja7Qwus29Z
— ANI (@ANI) January 30, 2019
इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी राजघाट पहुंचे थे और बापू को श्रद्धांजलि दी थी. राहुल गांधी ने राजघाट पर बैठकर काफी वक्त भी बिताया था.
Delhi: Congress President Rahul Gandhi pays tribute to Mahatma Gandhi at Rajghat on his death anniversary. pic.twitter.com/MOCn0DsENn
— ANI (@ANI) January 30, 2019
बापू की पुण्य तिथि पर दांडी में पीएम मोदी का कार्यक्रम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज गुजरात के सूरत और दांडी का दौरा करेंगे. यहां वे सूरत हवाईअड्डे पर टर्मिनल भवन के विस्तार परियोजना और एक अस्पताल की आधाशिला रखेंगे. प्रधानमंत्री दांडी में राष्ट्रीय नमक सत्याग्रह स्मारक राष्ट्र को समर्पित करेंगे. प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार, यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री सूरत हवाईअड्डे पर टर्मिनल भवन के विस्तार की आधारशिला रखेंगे. सौर ऊर्जा और एलईडी प्रकाश व्यवस्था के इस्तेमाल से यह एक पर्यावरण अनुकूल भवन होगा. प्रधानमंत्री सूरत में न्यू इंडिया यूथ कॉन्क्लेव में युवाओं के साथ बातचीत करेंगे. साथ ही वे श्रीमती रसीलाबेन सेवंतीलाल शाह वीनस अस्पताल का भी उद्घाटन करेंगे और वहां की सुविधाओं को भी देखेंगे. प्रधानमंत्री का अगला गंतव्य गुजरात के नवसारी जिले में डांडी होगा.
मोदी यहां बापू की पुण्यतिथि पर राष्ट्रीय नमक सत्याग्रह स्मारक राष्ट्र को समर्पित करेंगे. इस स्मारक में महात्मा गांधी और ऐतिहासिक दांडी नमक यात्रा के दौरान उनके साथ शामिल 80 सत्याग्रहियों की मूर्तियां हैं. स्मारक में ऐतिहासिक 1930 की नमक यात्रा की विभिन्न घटनाओं और कहानियों को चित्रित करने वाले 24 भित्तिचित्र भी हैं. प्रधानमंत्री स्मारक को देखेंगे और एक जनसभा को संबोधित करेंगे.
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) ने आज ही के दिन 1948 में दुनिया को अलविदा कहा था. नाथूराम गोडसे ने उन्हें 30 जनवरी को दिल्ली के बिड़ला भवन में गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया था. नाथूराम ने महात्मा गांधी को तीन गोलियां मारी थीं. जिसके बाद उसे बिना किसी देरी के तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया था. नाथूराम गोडसे का पूरा नाम नाथूराम विनायक गोडसे (Nathuram Godse) था. कोर्ट ने नाथूराम को महात्मा गांधी की हत्या के दोष में 15 नवम्बर 1949 को फांसी की सजा सुनाई.
नाथूराम गोडसे ने बापू के बेटे देवदास गांधी से कही थी ये बातें
महात्मा गांधी के बेटे देवदास ने जेल में बंद नाथूराम से मिलने की इच्छा जताई. जिसके बाद उन्होंने गोडसे से मुलाकात की. मुलाकात के दौरान गोडसे ने देवदास गांधी से काफी बातें की और खुद के अंदर भरी हुई सभी चीजें उनके सामने रख दी. गोडसे ने कहा, 'वह उनके पिताजी की मृत्यु से काफी दुखी है. मैं नाथूराम विनायक गोडसे हूं. आज तुमने अपने पिता को खोया है. तुम्हारे दुख की वजह मैं हूं. मेरा यकीन करो, जितना दुख तुम्हें और तुम्हारे परिवार को है.. उससे भी ज्यादा मुझे है. मैंने महात्मा गांधी की हत्या किसी रंजिश की वजह से नहीं की. मुझे तुमसे कोई दोष नहीं है और न ही मेरी तुमसे कोई दुर्भावना है.'
महात्मा गांधी के इस फैसले से नाराज था नाथूराम गोडसे
बता दें कि महात्मा गांधी का हत्यारा नाथूराम गोडसे उनके उस फैसले से काफी नाराज था, जिसमें भारत की ओर से पाकिस्तान को आर्थिक सहायता दी जानी थी. पाकिस्तान को इस सहायता के पक्ष में गांधीजी ने उपवास भी रखा था. गोडसे के दिमाग में एक बात बैठी हुई थी, जिससे उसे ऐसा लग रहा था कि सरकार द्वारा अपनाई जा रही मुस्लिमों के प्रति तुष्टीकरण की नीति भी गांधीजी की ही देन है. नाथूराम एक कट्टर हिंदू था. भारत के विभाजन के समय हुई लाखों हिंदुओं की हत्या में भी गोडसे, महात्मा गांधी को ही जिम्मेदार मानता था.
Source : News Nation Bureau