किसान आंदोलन में हिंसा फैलाने की अंतरराष्ट्रीय साजिश का खुलासा होने के बाद चौकाने वाली जानकारी सामने आ रही है. ग्रेटा थनबर्ग की टूलकिट से कई ऐसी जानकारी सामने आई है जिसके बाद सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं. टूलकिट में 'चाय योगा' कोड सामने आने के बाद सुरक्षा एजेंसियां इसे डीकोड करने की कोशिश में हैं. 3 फरवरी को ग्रेटा थनबर्ग की टूलकिट सामने आई थी. भारत विरोधी साजिश की इन गहरी जड़ों की ओर देखने की शुरुआत रिहाना के ट्वीट से हुई, जिसमें उन्होंने किसान आंदोलन का समर्थन कर लोगों को इस बारे में बात करने के लिए उकसाया था.
किसके लिए था 'चाय योगा' कोड?
टूलकिट में 'चाय योगा' का जिक्र किया गया है. सूत्रों का कहना है कि इस कोड के जरिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ निशाने पर थे. दरअसल, ग्रेटा ने अपने ट्वीट में गलती से एक टूलकिट भी शेयर कर दिया था. इस टूलकिट में किसान आंदोलन को समर्थन देने से लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और भारत को दुनियाभर में बदनाम करने का खाका तैयार किया गया था.
ग्रेटा द्वारा शेयर की गई इस टूलकिट की सच्चाई सामने आई तो उन्होंने इसे डिलीट कर दिया और फिर एक नया टूलकिट शेयर किया. साजिश के तहत किसान आंदोलन से जुड़े प्रदर्शनकारियों को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार, उद्योगपति मुकेश अंबानी और गौतम अडानी, भारतीय दूतावास, मीडिया हाउस, स्थानीय सरकारी कार्यालयों को निशाना बनाने के निर्देश दिए गए थे.
कनाडा की संस्था पीजेएफ पर साजिश फैलाने का संदेह
यहां यह जानना भी कम रोचक नहीं होगा कि अनीता लाल पोयटिक जस्टिस फॉउंडेशन की सह-संस्थापक भी हैं. यह वही संस्था है जिसका नाम ग्रेटा थनबर्ग की ओर से शेयर की गई टूल किट में कई बार आया है. भारत विरोधी साजिश की इन गहरी जड़ों की ओर देखने की शुरुआत रिहाना के ट्वीट से हुई, जिसमें उन्होंने किसान आंदोलन का समर्थन कर लोगों को इस बारे में बात करने के लिए उकसाया था. इसके बाद ग्रेटा थनबर्ग और मियां खलीफा भी इस अभियान से आ जुड़े. ग्रेटा थनबर्ग ने एक नहीं दो-दो बार टूल किट शेयर की. पहली वाली ट्वीट में दिग्गज भारतीय उद्यमियों का नाम शामिल था, जबकि दूसरी ट्वीट में उन्होंने इनका नाम डिलीट कर चक्का जाम की सही तारीख शेयर की गई.
Source : News Nation Bureau