प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को दक्षिण अफ्रीका में 10वें ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत चौथी औद्योगिक क्रांति पर ब्रिक्स देशों के साथ मिलकर काम करना चाहता है।
पीएम ने कहा कि चौथी औद्योगिक क्रांति (4IR) 18वीं शताब्दी की प्रारंभिक औद्योगिक क्रांति के बाद चौथा प्रमुख औद्योगिक युग है। यह उन प्रौद्योगिकियों के विलय द्वारा वर्णित होता है, जो भौतिक, डिजिटल और जैविक क्षेत्रों के बीच की रेखाओं को धुंधला कर रहे हैं।
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए जोहान्सबर्ग पहुंचे पीएम मोदी ने कहा, 'भारत चौथी औद्योगिक क्रांति के क्षेत्र में ब्रिक्स देशों के साथ सामूहिक रूप से काम करना चाहता है और सभी देशों को इस पर सर्वोत्तम प्रथाओं और नीतियों को साझा करना होगा।'
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मोदी ने कहा, 'आज दुनिया सभी प्रकार के परिवर्तनों के चौराहे पर खड़ी है। नई औद्योगिक प्रौद्योगिकियां और डिजिटल इंटरफेस, जो एक नई दुनिया का निर्माण कर रहे हैं, वे अवसर और चुनौती का प्रतिनिधित्व करते हैं। नई प्रणालियों और उत्पादों के साथ, वे आर्थिक प्रगति के लिए नए रास्ते होंगे। लोगों और मानव मूल्यों को विकास और प्रगति के केंद्र में रखना हमेशा महत्वपूर्ण है।'
इसके बाद प्रधानमंत्री ने उच्च कौशल के विषय पर अपनी बात कही। उन्होंने भविष्य में चुनौतियों का सामना करने के लिए देश के युवाओं को सक्षम बनाने के लिए स्कूल और विश्वविद्यालयों में पाठ्यक्रम के बदलाव की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
पीएम ने कहा, 'चौथी औद्योगिक क्रांति राजधानी से अधिक महत्व रखेगी। औद्योगिक उत्पादन, डिजाइन और विनिर्माण में कट्टरपंथी बदलाव आएंगे। हमें अपने स्कूलों और विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम को इस तरह से डिजाइन करना होगा कि यह भविष्य के लिए युवाओं को तैयार करे।'
मोदी ने आगे कहा, 'इसलिए प्रौद्योगिकी के संसार में चौथी औद्योगिक क्रांति के परिणामों के बारे में गंभीरता से सोचना हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। क्योंकि इससे हमारे जैसे देशों में लोगों और अर्थव्यवस्थाओं पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है।'
चीनी-रुसी राष्ट्रपति से की मुलाकात
दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने के दौरान पीएम ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रुसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। यह मोदी और चीनी राष्ट्रपति की दूसरी मुलाकात थी। इससे पहले अप्रैल में दोनों नेताओं ने चीनी शहर वुहान में दो दिवसीय अनौपचारिक वार्ता के दौरान द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने के तरीकों पर चर्चा की थी।
बता दें कि ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका ब्रिक्स के सदस्य देश हैं। इस सम्मेलन में सभी देशों वैश्विक मुद्दों, अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा, वैश्विक शासन और व्यापार मुद्दों पर विचार-विमर्श हुआ।
पीएम मोदी ने अफ्रीका के तीन देशों की पांच दिवसीय यात्रा की। युगांडा और रवांडा के बाद वह ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने दक्षिण अफ्रीका पहुंचे। पिछले 20 सालों में युगांडा का दौरा करने वाले मोदी पहले प्रधानमंत्री हैं।
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Source : News Nation Bureau