प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में देश वासियों से 'लोकल पर वोकल' होने की अपील की है. उन्होंने लोगों से कहा कि स्वदेशी उत्पाद को प्रमुखता दें. उन्होंने खादी का खास तौर पर जिक्र किया, और कहा कि 2014 में उनकी अपील पर लोगों ने ध्यान दिया और आज खादी का इस्तेमाल लोग बड़े पैमाने पर कर रहे हैं. मोदी ने 2014 में प्रधानमंत्री का पदभार संभालने के बाद ही देशवासियों से अधिक से अधिक खादी का इस्तेमाल करने का आह्वान किया था.
पीएम मोदी ने देशवासियों से खादी की कम से कम एक रुमाल खरीदने की अपील की थी. इसका परिणाम यह हुआ कि 2 अक्तूबर, 2018 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर खादी इंडिया के राजधानी स्थित कनॉट प्लेस के प्रमुख स्टोर ने एक दिन में 1.27 करोड़ रुपये की रिकार्ड बिक्री की थी. प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के आने के बाद से खादी उद्योग की प्रगति में तेजी देखी गई है. खादी इंडिया द्वारा जारी आकड़े के मुताबिक, 2015-16 में 1,066 करोड़ रुपये का खादी उत्पादन हुआ था, जो 2019-20 में 115 फीसदी बढ़कर 2,292.44 करोड़ हो गया.
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जबकि खादी की बिक्री जहां 2015-16 में 1,510 रुपये की थी, वही 2019-20 में इसमें 179 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई. इस बर्ष खादी की बिक्री 4,211.26 करोड़ रुपये की रही. केवीआईसी के चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना का कहना है कि खादी की बिक्री की शुरुआत इस बार बेहद उत्साहजनक है. मुझे उम्मीद है कि इस साल हम इस तरह के कई मील के पत्थर हासिल करेंगे. उल्लेखनीय है कि सियासत से जुड़े लोग पहले खादी से बने कपड़े पहना करते थे, लेकिन समय बदलने के साथ ट्रेंड भी बदल गया है.
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आम उपभोक्ता भी प्राकृतिक उत्पादों को ही प्राथमिकता दे रहे हैं. नतीजतन इस उद्योग में बड़े पैमाने पर बदलाव देखने को मिला है. प्रधानमंत्री मोदी हर स्तर पर खादी उद्योग को बढ़ावा देने के लिए हर मुमकिन कोशिश करते रहे हैं. इसके साथ ही उनके पहनावे का अंदाज भी लोगों को खूब लुभाता है. चाहे उनका कुर्ता हो या फिर जैकेट. युवाओं में 'मोदी जैकेट और कुर्ता' को लेकर ट्रेंड देखते ही बनता है.