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अमेरिका में मोदी की पहली मीटिंग: भविष्य की चुनौतियों पर नजर 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) अपने अमेरिकी दौरे में सबसे पहले दुनिया की पांच बड़ी कंपनियों के दिग्गजों से मिल रहे हैं. ये पांचों कंपनियां अपने अपने सेक्टर में वर्ल्ड लीडर की हैसियत तो रखती ही हैं, ये फ्यूचर ओरिएंटेड भी हैं.

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Deepak Pandey
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अमेरिका में मोदी की पहली मीटिंग: भविष्य की चुनौतियों पर नजर ( Photo Credit : फाइल फोटो)

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) अपने अमेरिकी दौरे में सबसे पहले दुनिया की पांच बड़ी कंपनियों के दिग्गजों से मिल रहे हैं. ये पांचों कंपनियां अपने अपने सेक्टर में वर्ल्ड लीडर की हैसियत तो रखती ही हैं, ये फ्यूचर ओरिएंटेड भी हैं. मोदी की इन कंपनियों के ग्लोबल सीईओ से मुलाकात बेहद अहम मानी जा रही है, क्योंकि भविष्य में भारत की चुनौतियों को हल करने की दिशा में ये कंपनियां काफी मददगार साबित हो सकती हैं. इस कड़ी में पहली कंपनी है क्लालकॉम (Qualcomm). मोदी क्वालकॉम के प्रेसिडेंट और सीईओ क्रिस्टियानो आर आमोन से मिलेंगे. दूसरी कंपनी है अडोबी. पीएम मोदी की मुलाकात अडोबी के चेयरमैन शांतनु नारायण से होगी. तीसरी कंपनी है फर्स्ट सोलर और इसके सीईओ मार्क विडमर हैं. चौथी कंपनी जनरल एटॉमिक्स है और इसके चेयरमैन और CEO भी भारतीय मूल के विवेक लाल है. पांचवीं कंपनी है ब्लैकस्टोन जिसके सीईओ और को-फाउंडर स्टीफेन स्वार्जमैन से मोदी मिल रहे हैं.

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अब ग्लोबल सीईओ के साथ होने वाली इस बैठक की अहमियत समझिए. Qualcomm दुनिया में 5जी टेक्नोलॉजी की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है. वायरलेस चिप और सिस्टम सर्किट बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में भी  क्वालकॉम का नाम शामिल है. ऑटोमोबाइल से लेकर मोबाइल फोन तक, इलेक्ट्रॉनिक चिप्स के बगैर कुछ भी बनाना संभव नहीं है और दुनिया आज इलेक्ट्रॉनिक चिप्स की भारी किल्लत से जूझ रही है. ऐसे में ये मीटिंग बेहद अहम मानी जा रही है. इलेक्ट्रॉनिक चिप्स के उत्पादन में ताइवान और चीन का दबदबा है. भारत की योजना खुद को इलेक्ट्रॉनिक चिप मैनुफैक्चरिंग के बड़े हब के रूप में स्थापित करने की है. भारत की योजना में क्वालकॉम जैसी कंपनियां बड़ा रोल निभा सकती हैं.

अब बात अडोबी की... अडोबी का मिशन डिजिटल अनुभवों के जरिए दुनिया को बदलना है. एजुकेशन से लेकर कारोबार तक, अडोबी दुनिया की बड़ी सर्विस प्रोवाइडर कंपनी है. ये कंपनी, पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट डिजिटल इंडिया मिशन को सफल बनाने में बड़े काम की साबित हो सकती है. दुनिया आज क्लाइमेट चेंज की बड़ी चुनौती से जूझ रही है. ग्रीन एनर्जी वक्त की जरूरत है. पीएम मोदी की सोलर फर्स्ट के सीईओ से होने वाली मुलाकात ग्रीन एनर्जी और ग्लोबल वॉर्मिंग जैसे मुद्दे पर भारत के मिशन को अंजाम तक पहुंचाने की राह आसान कर सकती है. 

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पीएम मोदी मानवरहित विमान और ड्रोन बनाने वाली कंपनी जनरल एटॉमिक्स के सीईओ से भी मिलेंगे. अमेरिका के साथ भारत के सैन्य समझौते और अरबों डॉलर की ड्रोन डील के मद्देनजर ये मुलाकात भी काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है. पीएम मोदी उन्नत और सशक्त भारत के भविष्य की रूप रेखा खींचने की कोशिश कर रहे हैं... इस लिहाज से ब्लैकस्टोन ग्रुप के अध्यक्ष और सीईओ स्टीफन एलन श्वार्ज़मैन से होने वाली मीटिंग की काफी अहमियत है.

ब्लैकस्टोन कंपनी पेंशन फंड्स, बड़े संस्थानों और व्यक्तियों की ओर से दुनिया भर में पूंजी निवेश करती है. भारत के उभरते बाजार को बड़े पैमाने पर पूंजी की जरूरत है. और ब्लैकस्टोन जैसी कंपनियां इस जरूरत को पूरा करने में मदद कर सकती हैं. साफ है कि बिग जाइंट कहलाने वाली कंपनियों के ग्लोबल सीईओ से मुलाकात का मकसद भारत की भविष्य की जरूरतों लिए अभी से ही मार्ग प्रशस्त करना है.

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