पीएम नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने सोमवार को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्धाटन किया. इस दौरान पीएम मोदी ने बाबा काल भैरव के दर्शन किए और काशी के ललिता घाट पर मां गंगा में डुबकी लगाई. इस दौरान उन्होंने सूर्य उपासना की. यहां से वे गंगाजल लेकर काशी धाम पहुंचे और भगवान भोलेनाथ को जल अर्पित किया. पूर्जा-अर्चना के बाद उन्होंने यहां के सफाई कर्मियों का फूलों से अभिनंदन किया. इस दौरान उनके साथ फोटो भी खिंचवाईं. इसके बाद पीएम मोदी ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्धाटन किया.
भक्तों को अतीत के गौरव का एहसास कराएगा
समारोह के दौरान पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि ये भव्य धाम भक्तों को अतीत के गौरव का एहसास कराएगा. पीएम मोदी ने कहा कि अब मंदिर और मंदिर परिसर में 50-60 हजार श्रद्धालु आ सकेंगे. अभी वे बाबा के साथ-साथ नगर कोतवाल कालभैरव जी के दर्शन करके भी आ रहे हैं, देशवासियों के लिए उनका आशीर्वाद लेकर आ रहा हूं. काशी में कुछ भी खास हो, कुछ भी नया हो, उनसे पूछना आवश्यक है. मैं काशी के कोतवाल के चरणों में प्रणाम करता हूं.
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हमारी आध्यात्मिक आत्मा का प्रतीक है- पीएम मोदी
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आप यहां पर जब आएंगे तो केवल आस्था के दर्शन नहीं करेंगे, आपको यहां अपने अतीत के गौरव का भी अहसास होगा. उन्होंने कहा कि धाम का ये पूरा नया परिसर एक भव्य भवन भर नहीं है. ये हमारे सनातन संस्कृति का प्रतीक है. हमारी आध्यात्मिक आत्मा का प्रतीक है, भारत की प्राचीनता का, परंपराओं का. भारत की ऊर्जा का, गतिशीलता का. पहले यहां जो मंदिर क्षेत्र केवल तीन हजार वर्ग फीट का था, वो करीब 5 लाख वर्ग फीट तक पहुंच गया है.अब मंदिर परिसर में 50 से 75 हजार श्रद्धालु आ सकेंगे यानि पहले मां गंगा का दर्शन-स्नान और वहां से सीधे विश्वनाथ धाम.
यहां अगर औरंगजेब आता है तो शिवाजी भी उठ खड़े होते हैं- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि कालांतर में आतताइयों की नजर काशी पर रही है. लेकिन यहां अगर औरंगजेब आता है तो शिवाजी भी उठ खड़े होते हैं. अगर कोई सालार मसूद इधर की ओर बढ़ता है तो राजा सुहेलदेव जैसे वीर योद्धा उसे एकता की शक्ति का अहसास करा देते हैं. अंग्रेजों के दौर में भी, वारेन हेस्टिंग का क्या हश्र काशी के लोगों ने किया था, ये तो काशी के लोग जानते ही हैं. पीएम मोदी ने कहा कि काशी तो काशी है! काशी तो अविनाशी है. काशी में एक ही सरकार है, जिनके हाथों में डमरू है, उनकी सरकार है. जहां गंगा अपनी धारा बदलकर बहती हों, उस काशी को भला कौन रोक सकता है?
काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण, भारत को एक निर्णायक दिशा देगा, एक उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएगा. ये परिसर,साक्षी है हमारे सामर्थ्य का, हमारे कर्तव्य का. अगर सोच लिया जाए, ठान लिया जाए, तो असंभव कुछ भी नहीं. हर भारतवासी की भुजाओं में वो बल है, जो अकल्पनीय को साकार कर देता है. पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब भी काशी ने करवट ली है देश का भाग्य बदला है. पीएम मोदी ने कहा कि हम तप जानते हैं, तपस्या जानते हैं, देश के लिए दिन रात खपना जानते हैं. चुनौती कितनी ही बड़ी क्यों ना हो, हम भारतीय मिलकर उसे परास्त कर सकते हैं.
डोम राजा की पवित्रता से प्रेरणा मिली
पीएम मोदी ने कहा कि बनारस वो नगर है जहां से जगद्गुरू शंकराचार्य को डोम राजा की पवित्रता से प्रेरणा मिली, उन्होंने देश को एकता के सूत्र में बांधने का संकल्प लिया. ये वो जगह है जहां भगवान शंकर की प्रेरणा से गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस जैसी अलौकिक रचना की. छत्रपति शिवाजी महाराज के चरण यहां पड़े थे. रानीलक्ष्मी बाई से लेकर चंद्रशेखर आज़ाद तक, कितने ही सेनानियों की कर्मभूमि-जन्मभूमि काशी रही है. भारतेन्दु हरिश्चंद्र, जयशंकर प्रसाद, मुंशी प्रेमचंद,पंडित रविशंकर और बिस्मिल्लाह खान जैसी प्रतिभाएं इस स्मरण को कहां तक ले जाया जाए.
HIGHLIGHTS
- पूर्जा-अर्चना के बाद उन्होंने यहां के सफाई कर्मियों का फूलों से अभिनंदन किया
- कहा, परिसर में 50 से 75 हजार श्रद्धालु आ सकेंगे
- पीएम ने कहा, भक्तों को अतीत के गौरव का एहसास कराएगा
Source : News Nation Bureau