प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने शुक्रवार को गांधीनगर (Gandhinagar) में गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (Gift City) में देश के पहले अंतरराष्ट्रीय बुलियन एक्सचेंज इंडिया इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज (IIBX) का उद्घाटन किया. भारत के पहले अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (IFSC) में प्रधानमंत्री ने सिंगापुर एक्सचेंज लिमिटेड (SGX) के सहयोग से NSE-SGX कनेक्ट का भी उद्घाटन किया. इसके अलावा, PM ने भारत में IFSCs में वित्तीय उत्पादों, वित्तीय सेवाओं और वित्तीय संस्थानों के विकास और विनियमन के लिए एकीकृत वैधानिक नियामक IFSC प्राधिकरण के मुख्यालय भवन की आधारशिला भी रखी. IIBX दुनिया में तीसरा ऐसा एक्सचेंज है और इसे भारत को वैश्विक सर्राफा कीमतों के लिए एक प्रभावशाली बनने में सक्षम बनाने के उद्देश्य से स्थापित किया गया है. आईआईबीएक्स योग्य ज्वैलर्स को शामिल कर भारतीय सर्राफा बाजार को अधिक संगठित ढांचे की ओर ले जाने में मदद करेगा. अब तक, लगभग 56 योग्य ज्वैलर्स को बोर्ड पर पंजीकृत किया गया है और एक्सचेंज तंत्र के माध्यम से सीधे सोने के आयात की सीधी पहुंच है. IIBX भारत में सोने के वित्तीयकरण को गति प्रदान करने के अलावा कुशल मूल्य खोज की सुविधा प्रदान करेगा और मानकीकरण, गुणवत्ता आश्वासन और सोर्सिंग अखंडता सुनिश्चित करेगा.
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इस मौके पर प्रधानमंत्री (PM Modi) ने आईएफएससीए मुख्यालय भवन, आईएफएससीए टॉवर की आधारशिला भी रखी, जिसकी योजना लगभग 27 मंजिलों में फैले 3 लाख वर्ग फुट क्षेत्र में है. भवन की स्थापना में 200 करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद है. प्रधानमंत्री ने गांधीनगर के गिफ्ट सिटी में पीएम मोदी ने कहा, भारत अब संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन और सिंगापुर जैसे देशों के साथ खड़ा है जहां से वैश्विक वित्त को दिशा दी जाती है. आज भारत दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है. आज भारत में रिकॉर्ड विदेशी निवेश आ रहा है. पीएम मोदी ने कहा, वर्ष 2008 में एक वैश्विक आर्थिक संकट और मंदी थी. भारत में नीतिगत पंगुता का माहौल था, लेकिन, उस समय गुजरात फिनटेक के क्षेत्र में नए और बड़े कदम उठा रहा था. मुझे खुशी है कि आज यह विचार इतना आगे बढ़ गया है.
पीएम मोदी ने कहा, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (IFSCA) पूरी तरह सक्षम होते हुए यह नवाचार का समर्थन करेगा और विकास के अवसरों के लिए उत्प्रेरक भी बनेगा. पीएम मोदी ने कहा, पिछले 8 वर्षों में देश ने वित्तीय समावेशन की एक नई लहर देखी है. यहां तक कि गरीब से गरीब भी औपचारिक वित्तीय संस्थानों में शामिल हो रहे हैं. प्रधानमंत्री ने कहा, आज जब एक बड़ी आबादी वित्त में शामिल हो गई है, यह समय की मांग है कि सरकारी संगठन और निजी खिलाड़ी एक साथ आगे बढ़ें. पीएम मोदी ने कहा, आज 21वीं सदी में वित्त और प्रौद्योगिकी एक दूसरे से जुड़े हुए हैं और जब प्रौद्योगिकी, विज्ञान और सॉफ्टवेयर की बात आती है, तो भारत के पास एक बढ़त और अनुभव है. आज पूरे विश्व में रीयल-टाइम डिजिटल भुगतान में अकेले भारत का 40% हिस्सा है.