प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 100 लाख करोड़ की बड़ी परियोजनाओं को गतिशक्ति प्रोजेक्ट के तहत लांच कर दिया है। इन योजनाओं के तहत देश के आधारभूत ढांचे को मजबूत करना, देश में रेलवे और रोड इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना, स्वास्थ्य सेवाओं से लेकर हवाई सफर के लिए एयरपोर्ट कनेक्टिविटी, वाटर वेज, शहरों में स्मार्ट कनेक्टिविटी, ई हाइवे जैसे परियोजनाएं शामिल हैं. इसके तहत रेलवे, पेट्रोलियम, ऊर्जा, उड्डयन ,सड़क परिवहन, पोत, आईटी, टेक्सटाइल, जैसे 16 मंत्रालयों को शामिल करा गया है.इन मंत्रालय के जो प्रोजेक्ट चल रहे हैं उन सबको गति शक्ति योजना में जोड़ दिया गया है.
योजना का मक़सद सभी विभागों में तालमेल बनाकर विकास के काम को तेजी से पूरा करने का है. पीएम मोदी बोले टैक्स के पैसे को इस्तेमाल करते वक्त सरकार में भावना नहीं होती थी कि उसको बर्बाद ना होने दिया जाए. लोगों को भी लगने लगा कि ऐसा ही चलता रहेगा. हर जगह वर्क इन प्रोग्रेस लिखा दिखता था. लेकिन वह काम पूरा होगा या नहीं, समय पर होगा या नहीं. इसको लेकर कोई भरोसा नहीं था. वर्क इन प्रोग्रेस का बोर्ड अविश्वास का प्रतीक बन गया था. सरकारी विभागों के बीच आपसी तालमेल की भरी कमी है। आपसी खींचतान के कारण जो प्रोजेक्ट अर्थव्यवस्था को मजबूती देने वाले होते थे. वे कमजोर पड़ जाते थे. कई प्रोजेक्ट्स लटक जाते थे. मैं 2014 में दिल्ली नई जिम्मेदारी के साथ आया तो लाखों करोड़ों के ऐसे प्रोजेक्ट देखे जो लटके पड़े थे. मैंने सारी रुकावटों को दूर करने का प्रयास किया।
ज्यादा काम हम उसके आधे समय में करने वाले हैं
पिछले 70 वर्षों की तुलना में भारत रफ्तार से काम कर रहा है. पहली नेचुरल गेस पाइपलाइन 1987 में कमीशन हुई थी. फिर साल 2014 तक 27 साल में देश में 15 हजार किलोमीटर नेचुरल गैस पाइपलाइन बनी. आज देशभर में 16 हजार किलोमीटर से ज्यादा गैस पाइपलाइन पर काम चल रहा है. जितना काम 27 वर्षों में हुआ. उससे ज्यादा काम हम उसके आधे समय में करने वाले हैं.
Source : News Nation Bureau