भारत में कोरोना संकट (Corona Virus) से निपटने के लिए घोषित 40 दिन के लॉकडाउन के अंतिम सप्ताह में प्रवेश करने पर सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कोरोना के खिलाफ देशव्यापी अभियान को जारी रखने के साथ ही देश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने पर भी समान रूप से ध्यान देने की जरूरत पर बल दिया. मोदी ने कोरोना वायरस के संक्रमण की मौजूदा स्थिति और संक्रमण पर नियंत्रण के लिये जारी लॉकडाउन से देश को चरणबद्ध तरीके से बाहर लाने के उपायों पर चर्चा के लिए आहूत वीडियो कांफ्रेंसिंग बैठक में मुख्यमंत्रियों से यह बात कही.
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PM मोदी ने मुख्यमंत्रियों से कहा कि कोविड-19 का खतरा दूर-दूर तक खत्म होने वाला नहीं है, इसलिए लगातार चौकस बने रहना बहुत अहम है. देश में कोरोना संकट की शुरुआत के बाद 22 मार्च से अब तक संक्रमण की स्थिति की समीक्षा के लिए प्रधानमंत्री मोदी, राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ चार बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बैठक कर चुके हैं. सरकार की ओर से जारी बयान के अनुसार, बैठक में मोदी ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कहा, हमें कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई के साथ अर्थव्यवस्था को भी समान रूप से अहमियत देने की जरूरत है.
उन्होंने इस महामारी की मौजूदा स्थिति से मुख्यमंत्रियों को अवगत कराते हुये राज्यों में चिन्हित किये गये संक्रमण प्रभावित इलाकों (हॉटस्पॉट जोन) में केन्द्र सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के पालन की अहमियत का उल्लेख किया. बैठक में गृह मंत्री अमित शाह और स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन के अलावा प्रधानमंत्री कार्यालय एवं अन्य संबद्ध मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.
इसके अलावा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी, मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन सहित विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री भी बैठक में शामिल हुए.
बयान के अनुसार इस दौरान प्रधानमंत्री ने कोरोना संक्रमण रोकने की दिशा में लॉकडाउन को सार्थक उपाय बताते हुये कहा कि इसके सकारात्मक परिणाम मिले हैं और पिछले, लगभग डेढ़ महीने में लॉकडाउन के दौरान देश में हजारों लोगों के जीवन की रक्षा की जा सकी है. मोदी ने कहा कि कोरोना संकट के दौरान अब तक देश में भिन्न-भिन्न परिस्थितियों, किंतु विशिष्ट संदर्भ में दो बार लॉकडाउन लागू किया गया और अब आगे के रुख पर विचार करना है. उन्होंने विशेषज्ञों की राय का हवाला देते हुये कहा कि कोरोना वायरस का असर आने वाले कई महीनों तक दिखाई देता रहेगा.
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उल्लेखनीय है कि देश में पहले चरण में 21 दिन का लॉकडाउन 25 मार्च से 13 अप्रैल तक और दूसरे चरण में 19 दिन का लॉकडाउन 14 अप्रैल से तीन मई तक के लिये घोषित किया गया था. बयान के मुताबिक, बैठक में मोदी ने मुख्यमंत्रियों से कहा कि कोरोना संकट से निपटने के लिये राज्यों के प्रयास, संक्रमण से प्रभावित रेड जोन इलाकों को कम प्रभाव वाले ऑरेंज जोन में और फिर संक्रमण मुक्त ग्रीन जोन में तब्दील करने पर केन्द्रित होने चाहिये.
मोदी ने मुख्यमंत्रियों से कहा कि कोविड-19 का जीवन के विभिन्न पहलुओं पर प्रभाव आने वाले महीनों में दिखेगा.उन्होंने कहा कि इससे बचने के लिये इस्तेमाल हो रहे मास्क और चेहरा ढंकने वाला गमछा आदि अब जीवन का हिस्सा बन जायेंगे. बयान के अनुसार बैठक में प्रधानमंत्री के साथ मुख्यमंत्रियों ने आर्थिक चुनौतियों से निपटते हुए स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की.
बैठक में संगमा ने राज्य में तीन मई के बाद भी लॉकडाउन को जारी रखने की बात कही है. संगमा ने ट्वीट कर कहा,‘प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह द्वारा आहूत वीडियो कांफ्रेंस बैठक में हमने कोरोना से अप्रभावित मेघालय के ग्रीन जोन क्षेत्रों के जिलों में तीन मई के बाद आंशिक छूट देने के अलावा राज्य के शेष इलाकों में लॉकडाउन जारी रखने की बात कही है.