प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Pm Narendra Modi) ने 6 फरवरी 2020 को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ramnath Kovind) के अभिभाषण पर संसद में पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब दिया. बजट सत्र (Budget 2020) के पहले दिन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 31 जनवरी को संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित किया था. दोनों सदनों में राष्ट्रपति के अभिभाषण के प्रस्ताव को लेकर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा हो रही है. इस संबोधन में पीएम मोदी ने कई महत्वपूर्ण बातों पर चर्चा की है.
सबसे पहले पीएम मोदी ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का धन्यवाद किया है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति का अभिभाषण देश के लोगों के दिलों में विश्वास पैदा करने वाला है. सदन के सदस्यों ने बहुत ही अच्छे ढंग से अपने विचार रखे हैं. हर किसी ने चर्चा को समृद्ध करने का प्रयास किया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, हम अगर उसी तरीके से चलते, जिस तरीके से आपलोग चलते हैं तो इस देश से अनुच्छेद 370 नहीं हटता, तो मुस्लिम बहनों को तीन तलाक की तलवार आज भी डराती रहती, तो नाबालिग से रेप के मामले में फांसी की सजा का कानून नहीं बनता, तो राम जन्मभूमि आज भी विवादों में रहती, तो करतारपुर कॉरिडोर कभी नहीं बनता, तो भारत-बांग्लादेश सीमा विवाद कभी नहीं सुधरता.
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पीएम मोदी ने लोकसभा में कहा कि देश चुनौतियों से लोहा लेने के लिए हर पल कोशिश करता है, कभी-कभी चुनौतियों की तरफ न देखने की आदत भी देश ने देखा है, लेकिन आज दुनिया की भारत से जो अपेक्षा है, हम चुनौतियों को चुनौतियों की तरह नहीं लेंगे, सबको साथ लेकर आगे बढ़ने की गति नहीं बढ़ाते तो शायद देश को अनेक समस्याओं से अरसे तक जूझना पड़ता.
अगर कांग्रेस के रास्ते चलते तो 50 साल बाद भी शत्रु संपत्ति कानून का इंतजार देश को करना पड़ता, 35 साल बाद भी नेक्स्ट जनरेशन लड़ाकू विमान का इंतजार करना पड़ता, बेनामी संपत्ति कानून लागू नहीं होगा, चीफ ऑफ डिफेंस की नियुक्ति नहीं होती.
PM Modi ने कहा कि हम इस बात को भली-भांति समझते हैं कि देश को लंबा इंतजार नहीं करना चाहिए. इसलिए हमारी कोशिश है कि स्पीड भी पढ़े और स्केल भी बढ़े, हमने जिस तेज गति से काम किया है, उसका परिणाम है कि जनता ने उसी तेज गति से आगे बढ़ने के लिए और अधिक ताकत दे दी.
पीएम मोदी ने इस भाषण में कई महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए हैं जिनमें किसानों का मुद्दा भी रहा. उन्होंने कहा कि किसानों के मुद्दे पर जिस तरह से यहां चर्चा करने की कोशिश की गई, वह शायद अज्ञानता में हुई. हमारे समय में डेढ़ गुना एमएसपी बढ़ी. मैं हैरान हूं कि सिंचाई योजनाएं 20-20 साल से लंबित थीं. 99 योजनाओं को हम लागू करा पाए हैं. पीएम फसल बीमा योजना से किसानों में विश्वास पैदा हुआ है. किसानों की ओर से 13 हजार करोड़ प्रीमियम आए, लेकिन प्राकृतिक आपदा से नुकसान के चलते किसानों को 56 हजार करोड़ की मदद दी गई.
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हमने पशुपालन, मछलीपालन, सौर ऊर्जा, सोलर पंप हो, ऐसी कई चीजें जोड़ी हैं, जिससे किसानों के हालात बदले हैं. 2014 में कृषि मंत्रालय का बजट 27 हजार करोड़ का बजट था, अब करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया है.
पीएम मोदी ने अपने सांसदों से लोगों को सरकार के लाभों के बारे में जागरूक करने का भी काम सौंप दिया है. उन्होंने कहा कि सांसद अपने राज्य के किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि की राशि दिलवाने के लिए काम करें, मैं चाहूंगा कि जो भी अपने क्षेत्र के किसानों के लिए चिंतित हैं, वोट ले लिए, शपथ ले लिए, लेकिन किसानों के वादे पूरे नहीं किए गए. कृपया वे इसके लिए काम करें.