मन की बात में पीएम नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में स्थित वॉर मेमोरियल का जिक्र किया. उन्होंने कहा, आजादी के इतने साल बाद जिस वार मेमोरियल का इंतजार था, वह अब खत्म होने जा रही है. भारत में कोई नेशनल वॉर मेमोरियल नहीं था, जहां वीर जवानों के शौर्य गाथा को संजोकर रखा जा सके. हमने नेशनल वॉर मेमोरियल के निर्माण का निर्णय लिया और खुशी है कि वह तैयार हो चुका है. 25 फरवरी को इस राष्ट्रीय स्मारक को सेना को सौंपा जाएगा. वॉर मेमोरियल में कई खासियत है.
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नेशनल वॉर मेमोरियल दिल्ली के दिल और इंडिया गेट के पास बनकर तैयार हो गया है. इस मेमोरियल को बनाने में करीब 176 करोड़ की लागत आई है. वॉर मेमोरियल को बनाने का प्रस्ताव करीब 60 साल पहले ही दिया गया था. वॉर मेमोरियल का उद्घाटन पिछले साल 15 अगस्त 2018 को ही होना था, लेकिन कार्य पूरा न होने की वजह से इसे टाल दिया गया था. अब 25 फरवरी 2019 को इसका उद्धघाटन किया जाएगा. यह वॉर मेमोरियल शहीदों के लिए बनाया गया है. राष्ट्रीय युद्ध स्मारक आजादी के बाद से कई लड़ाइयों में शहीद होने वाले 22,600 से अधिक सैनिकों के सम्मान में बनाया गया है. इसके लिए केंद्र ने अक्टूबर 2015 में धनराशि स्वीकृत कर दी थी.
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बता दें कि यह मेमोरियल देश की आजादी के बाद से वार और आपरेशनों में शहीद होने वाले 22,600 से अधिक सैनिकों के सम्मान में बनाया गया है. दुनिया में शायद भारत ही एक ऐसा देश था, जिसके पास वॉर मेमोरियल नहीं था. मोदी सरकार ने इस इंतजार को खत्म कर दिया. बता दें कि प्रथम विश्वयुद्ध में शहीद हुए 84,000 भारतीय जवानों की याद में ब्रिटिशों ने इंडिया गेट बनवाया था. बाद में 1971 के युद्ध में शहीद हुए 3843 जवानों के सम्मान में अमर जवान ज्योति बनाई गई.
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि दिल्ली में स्थित वॉर मेमोरियल जाना किसी तीर्थस्थल जाने के जैसा होगा. स्मारक का डिजाइन हमारे वीर सपूतों को प्रदर्शित करता है. एक सैनिक के जन्म से लेकर शहादत तक का जिक्र है. यह एक ऐसी गैलरी है, जहां दीवारों पर सैनिकों की बहादुरी को प्रदर्शित किया गया है. इसमें देश के लिए बलिदान देने वाले शहीदों के नाम दिए गए हैं. इसमें उन बलिदानियों की कहानी है, जिनके बदौलत हम सुरक्षित हैं. उन्होंने कहा, हम मानते हैं कि देश को ऐसे वीरों के लिए कृतज्ञ होना चाहिए. आप जब भी वॉर मेमोरियल जाएं तो सोशल मीडिया पर इसे जरूर शेयर करें.
Source : News Nation Bureau