प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ) ने आज यानी बुधवार को 16वें पूर्वी-एशिया शिखर सम्मेलन ( 16th East Asia Summit ) में भाग लिया. पीएम मोदी ने इस दौरान खुले और समावेशी इंडो-पैसिफिक ( Indo-Pacific ) पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि खुला हिंद प्रशांत क्षेत्र और साउथ- ईस्ट एशियाई राष्ट्रों के संगठन आसियान ( ASEAN ) की केंद्रीयता का समर्थन भारत के व्यापक दृष्टिकोण के मूल केंद्र में है. आपको बता दें कि एशिया शिखर सम्मेलन का आयोजन डिजीटल प्लेटफॉर्म पर हुआ. सम्मेलन की मेजबानी ब्रुनेई के सुल्तान हसनल बोलकिया ने की. प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत इंटरनेशनल लॉ और सभी राष्ट्रों की क्षेत्रीय एकता के लिए प्रतिबद्ध है.
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आपको बता दें कि इससे पहले भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र को खुला व समावेशी बनाने के भारत के विजन को दोहराया था. 13वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन के दौरान बहुपक्षीय सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता बताई थी. मोदी ने शिखर सम्मेलन के बाद ट्वीट के जरिए कहा था, "सिंगापुर में पूर्वी एशिया शिखर-सम्मेलन में मैंने सदस्य देशों के बीच बहुपक्षीय सहयोग, आर्थिक व सांस्कृतिक संबंध बढ़ाने का अपना विचार साझा किया."
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विदेश मंत्रालय की ओर जारी बयान में बताया गया था कि मोदी ने शांत, खुला व समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र के भारत के विजन को दोहराया और समुद्री क्षेत्र में सहयोग मजबूत करने व संतुलित क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी (आरसीईपी) की प्रतिबद्धता पर बल दिया. पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन हिंद-प्रशांत क्षेत्र के प्रमुख नेताओं का एक मंच है. इसमें दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्र संगठन (आसियान) के 10 सदस्य देश-ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, सिंगापुर, थाईलैंड, फिलीपींस और वियतनाम और इसके आठ संवाद साझेदार-भारत, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, अमेरिका और रूस शामिल हैं.
Source : News Nation Bureau