प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रमुख सहयोगी नृपेंद्र मिश्रा ने अपना पद छोड़ने की इच्छा व्यक्त की है. इस पर पीएम मोदी ने उनकी इस इच्छा को मान लिया है, लेकिन उनसे दो सप्ताह और अपना काम जारी रखने का अनुरोध किया है. 1967 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के सेवानिवृत्त अधिकारी नृपेंद्र मिश्रा वर्तमान में प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव हैं.
यह भी पढ़ेंःहो जाइये सावधान! अगर 1 करोड़ रुपये ज्यादा का नकद लेनदेन किया तो लगेगा TDS
2014 में भाजपा की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के सत्ता में आने के बाद नृपेंद्र मिश्रा को मोदी टीम में शामिल किया गया था. वह राजग के 2019 में और भी बड़े बहुमत के साथ सत्ता में लौटने के बाद भी मोदी की प्रमुख टीम में बने रहे. प्रधानमंत्री ने नृपेंद्र मिश्रा के फैसले की घोषणा खुद ट्विटर पर की और उनके काम की प्रशंसा की.
पीएम नरेंद्र मोदी ने एक ट्वीट में कहा, "श्री नृपेंद्र मिश्रा सबसे उत्कृष्ट अधिकारियों में से हैं, जिनके पास सार्वजनिक नीति और प्रशासन की काफी समझ है. जब मैं 2014 में दिल्ली में नया था तो उन्होंने मुझे बहुत कुछ सिखाया और उनका मार्गदर्शन बेहद मूल्यवान रहा." एक बयान में नृपेंद्र मिश्रा ने कहा, "माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के सानिध्य में देश की सेवा करना मेरे लिए सौभाग्य की बात है. उन्होंने मुझ पर जो पूरा भरोसा जताया है, मैं इसके लिए उनका बहुत आभारी हूं. मैंने अपने काम का पूरा आनंद लिया."
यह भी पढ़ेंःपहलू खान मॉब लिंचिंग मामला: SIT की रिपोर्ट तैयार, कई अधिकारी लापरवाही बरतने को लेकर नप सकते हैं
उन्होंने कहा, अब मेरे लिए यह समय आगे बढ़ने का है. मैं लोगों व राष्ट्रहित के लिए समर्पित रहूंगा. मिश्रा ने कहा, "मैं हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शुभकामनाएं देता हूं कि वह हमारे देश को एक उज्जवल भविष्य की ओर लेकर जाएं. इस बीच एक अन्य सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी पीके सिन्हा को प्रधानमंत्री कार्यालय में ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी (ओएसडी) के पद पर नियुक्त किया गया है.