Advertisment

पीएम मोदी ने भगवद् गीता की पांडुलिपि के 11 खंड का किया विमोचन

पीएम मोदी ने कहा कि आज हम श्रीमद्भागवतगीता की 20 व्याख्याओं को एक साथ लाने वाले 11 संस्करणों का लोकार्पण कर रहे हैं. मैं इस पुनीत कार्य के लिए प्रयास करने वाले सभी विद्वानों, इससे जुड़े हर व्यक्ति और उनके हर प्रयास को आदरपूर्वक नमन करता हूं.

author-image
Shailendra Kumar
एडिट
New Update
PM Narendra Modi

पीएम मोदी ने जारी किया भगवद् गीता की पांडुलिपि के 11 खंड( Photo Credit : News Nation)

Advertisment

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को भगवद् गीता की पांडुलिपि के 11 खंड का विमोचन किया. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि आज हम श्रीमद्भागवतगीता की 20 व्याख्याओं को एक साथ लाने वाले 11 संस्करणों का लोकार्पण कर रहे हैं. मैं इस पुनीत कार्य के लिए प्रयास करने वाले सभी विद्वानों, इससे जुड़े हर व्यक्ति और उनके हर प्रयास को आदरपूर्वक नमन करता हूं. किसी एक ग्रंथ के हर श्लोक पर ये अलग-अलग व्याख्याएँ, इतने मनीषियों की अभिव्यक्ति, ये गीता की उस गहराई का प्रतीक है, जिस पर हजारों विद्वानों ने अपना पूरा जीवन दिया है.

यह भी पढ़ें : उत्तराखंड के नए सीएम का बुधवार को होगा ऐलान, सस्पेंस बरकरार

पीएम मोदी ने कहा कि ये भारत की उस वैचारिक स्वतंत्रता का भी प्रतीक है, जो हर व्यक्ति को अपने विचार रखने के लिए प्रेरित करती है.भारत को एकता के सूत्र में बांधने वाले आदि शंकराचार्य ने गीता को आध्यात्मिक चेतना के रूप में देखा. गीता को रामानुजाचार्य जैसे संतों ने आध्यात्मिक ज्ञान की अभिव्यक्ति के रूप में सामने रखा. उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद के लिए गीता अटूट कर्मनिष्ठा और अदम्य आत्मविश्वास का स्रोत रही है. गीता श्री अरबिंदो के लिए तो ज्ञान और मानवता की साक्षात अवतार थी. गीता महात्मा गांधी की कठिन से कठिन समय में पथप्रदर्शक रही है. गीता नेताजी सुभाषचंद्र बोस की राष्ट्रभक्ति और पराक्रम की प्रेरणा रही है.

यह भी पढ़ें : उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दिया इस्तीफा

पीएम ने कहा कि ये गीता ही है जिसकी व्याख्या बाल गंगाधर तिलक ने की और आज़ादी की लड़ाई को नई ताकत दी. हम सभी को गीता के इस पक्ष को देश के सामने रखने का प्रयास करना चाहिए. कैसे गीता ने हमारी आजादी की लड़ाई की लड़ाई को ऊर्जा दी. कैसे गीता ने देश को एकता के आध्यात्मिक सूत्र में बांधकर रखा. इन सभी पर हम शोध करें, लिखें और अपनी युवा पीढ़ी को इससे परिचित कराएं. हमारा लोकतन्त्र हमें हमारे विचारों की आज़ादी देता है, काम की आज़ादी देता है, अपने जीवन के हर क्षेत्र में समान अधिकार देता है.

यह भी पढ़ें : प्रयागराज में 'लापरवाही' से बच्चे की मौत, पीएम से मदद की गुहार

भगवद् गीता की पांडुलिपि के 11 खंड का विमोचन करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हमें ये आज़ादी उन लोकतान्त्रिक संस्थाओं से मिलती है, जो हमारे संविधान की संरक्षक हैं. गीता तो एक ऐसा ग्रंथ है जो पूरे विश्व के लिए है, जीव मात्र के लिए है. दुनिया की कितनी ही भाषाओं में इसका अनुवाद किया गया, कितने ही देशों में इस पर शोध किया जा रहा है, विश्व के कितने ही विद्वानों ने इसका सानिध्य लिया है. ये गीता ही है जिसने दुनिया को निश्वार्थ सेवा जैसे भारत के आदर्शों से परिचित कराया. नहीं तो भारत की निश्वार्थ सेवा, विश्व बंधुत्व की हमारी भावना बहुतों के लिए किसी आश्चर्य से कम नहीं होती.

HIGHLIGHTS

  • हमें ये आज़ादी उन लोकतान्त्रिक संस्थाओं से मिलती है, जो हमारे संविधान की संरक्षक हैं- पीएम
  • ये गीता ही है जिसने दुनिया को निश्वार्थ सेवा जैसे भारत के आदर्शों से परिचित कराया- पीएम
  • 'भारत की निश्वार्थ सेवा, विश्व बंधुत्व की हमारी भावना बहुतों के लिए किसी आश्चर्य से कम नहीं होती'

 

 

PM Narendra Modi Narendra Modi PM Narendra Modi News आज के मैच की ड्रीम11 टीम पीएम मोदी Bhagavad Gita manuscript भगवद् गीता की पांडुलिपि
Advertisment
Advertisment