अयोध्या में भगवान राम के मंदिर के शिलान्यास के साथ ही 500 सालों का लंबा इंतजार अब खत्म हो गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बुधवार को अयोध्या स्थित रामजन्म-भूमि स्थल पहुंचने और मंत्रोच्चार के साथ भूमि-पूजन करने के साथ 5 अगस्त की तारीख इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 वर्षों बाद अयोध्या की धरती पर तब कदम रखा जब आज राम मंदिर निर्माण कार्य आरंभ हुआ है.
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इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंदिर निर्माण की आधारशिला से संबंधित एक पट्टिका का अनावरण किया और इस मौके पर ‘श्री राम जन्मभूमि मंदिर’ से संबंधित विशेष डाक टिकट भी जारी किया. अयोध्या पहुंचने के बाद उन्होंने सबसे पहले हनुमानगढ़ी पहुंचकर हनुमान जी की पूजा-अर्चना की और फिर भूमि-पूजन का कार्य के लिए प्रस्थान किया. राम जन्मभूमि क्षेत्र पहुंचकर मोदी ने रामलला के दर्शन किए.
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धोती और कुर्ता के परंपरागत परिधान में अयोध्या आगमन पर प्रधानमंत्री ने हस्त प्रक्षालन सबसे पहले दंडवत होकर रामलला विराजमान को प्रणाम किया. इसके बाद शंखनाद के बीच मोदी ने प्रार्थना और परिक्रमा की. बाद में मोदी ने मंदिर परिसर में पारिजात का पौधा लगाया और उसको सींचा. यहां से प्रधानमंत्री मोदी भूमिपूजन स्थल पर पहुंचे और करीब एक घंटे तक भूमिपूजन अनुष्ठान के बाद राम मंदिर की शिला रखी.
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भूमि पूजन के लिए देश के विभिन्न हिस्सों की मिट्टी लाई गई और विभिन्न नदियों का जल भी लाया गया. इसके साथ 40 किलो चांदी की ईंट से भव्य राम मंदिर का शिलान्यास का कार्य आरंभ हुआ. प्रधानमंत्री ने भूमिपूजन कर राम मंदिर की आधारशिला रखी, जिसके बाद मंदिर निर्माण कार्य का श्रीगणेश हुआ.
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इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास सहित बड़ी संख्या में साधु-संत मौजूद थे. वेद मंत्रोच्चार साथ शुरू हुई पूजा के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रखा गया था.