प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi ) सोमवार को कोविन ग्लोबल कॉन्क्लेव (CoWIN Global Conclave) को संबोधित किया. भारत कोविन वैश्विक सम्मेलन में कोविन मंच को दूसरे देशों के लिए डिजिटल जनसेवा के तौर पर पेश करेगा ताकि वे अपने कोरोना टीकाकरण अभियान को संचालित कर सकें. पीएम मोदी ने कहा कि प्रौद्योगिकी COVID-19 के खिलाफ हमारी लड़ाई का अभिन्न अंग है. सौभाग्य से, सॉफ्टवेयर एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें संसाधनों की कोई कमी नहीं है. इसलिए हमने तकनीकी रूप से संभव होते ही अपने कोविड ट्रेसिंग और ट्रैकिंग ऐप को ओपन सोर्स बना दिया.
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पीएम मोदी ने कोविन ग्लोबल कॉन्क्लेव में अपना विचार साझा करते हुए कहा कि महामारी की शुरुआत से ही, भारत इस लड़ाई में अपने सभी अनुभवों, विशेषज्ञता और संसाधनों को वैश्विक समुदाय के साथ साझा करने के लिए प्रतिबद्ध है. अपनी तमाम बाधाओं के बावजूद हमने दुनिया के साथ ज्यादा से ज्यादा शेयर करने की कोशिश की है.
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पीएम मोदी ने कहा कि महामारी से सफलतापूर्वक उभरने के लिए टीकाकरण मानवता के लिए सबसे अच्छी उम्मीद है और शुरुआत से ही, हमने भारत में अपनी टीकाकरण रणनीति की योजना बनाते समय पूरी तरह से डिजिटल दृष्टिकोण अपनाने का फैसला किया. पीएम ने अपना विचार साझा करते हुए कहा कि भारतीय सभ्यता पूरे विश्व को एक परिवार मानती है. इस महामारी ने कई लोगों को इस दर्शन के मौलिक सत्य का एहसास कराया है. इसलिए, कोविड टीकाकरण के लिए हमारे प्रौद्योगिकी मंच - जिसे हम CoWin कहते हैं - को खुला स्रोत बनाने के लिए तैयार किया जा रहा है.
बता दें कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) के सीईओ डॉ. आर एस शर्मा ने बताया कि कनाडा, मैक्सिको, नाइजीरिया, पनामा और उगांडा समेत करीब 50 देशों ने टीकाकरण अभियान के लिए डिजिटल मंच कोविन को अपनाने में रुचि दिखाई है. उन्होंने कहा था कि भारत सॉफ्टवेयर को नि:शुल्क साझा करने के लिए तैयार है.
HIGHLIGHTS
- 'तकनीक COVID-19 के खिलाफ हमारी लड़ाई का अभिन्न अंग है'
- 'सॉफ्टवेयर एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें संसाधनों की कोई कमी नहीं है'
- 'भारतीय सभ्यता पूरे विश्व को एक परिवार मानती है'