अमेरिका के एक सप्ताह के दौरे पर जाने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को भरोसा जताया कि उनके दौरे से भारत को अवसरों की एक जीवंत भूमि, एक भरोसेमंद सहयोगी और एक वैश्विक नायक के रूप में पेश करने में मदद मिलेगा, साथ ही अमेरिका के साथ द्विपक्षीय संबंधों को भी नई ऊर्जा मिलेगी. मोदी ने एक बयान में कहा कि वह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ ह्यूस्टन और न्यूयॉर्क में मुलाकात को लेकर उत्साहित हैं.
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मोदी ने कहा, "दोनों पक्ष द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा करेंगे, ताकि दोनों देशों के लोगों को ज्यादा से ज्यादा लाभ मिले. हमारे राष्ट्रीय विकास का अमेरिका एक महत्वपूर्ण सहयोगी है और शिक्षा, कौशल, शोध, प्रौद्योगिकी और नवोन्मेष में भागीदारी की समृद्ध संभावनाएं हैं, जो भारत के लिए आर्थिक विकास दर और राष्ट्रीय सुरक्षा बढ़ाने वाला साबित होगा. एक साथ मिलकर हम अधिक शांत, टिकाऊं, सुरक्षित, स्थिर और समृद्ध दुनिया बनाने में योगदान कर सकते हैं."
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मोदी ने कहा, "अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के समक्ष कई चुनौतियां हैं, जिसमें नाजुक वैश्विक अर्थव्यवस्था, दुनिया के कई हिस्सों में अशांति और आंतकवाद का बढ़ता खतरा, जलवायु परिवर्तन और गरीबी की चुनौती प्रमुख है. उन्हें मजबूत वैश्विक प्रतिबद्धता और बहुपक्षीय कार्रवाई की जरूरत है."विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा था कि मोदी अपने न्यूयॉर्क दौरे के दौरान करीब 20 द्विपक्षीय बैठक करेंगे, जिसमें राष्ट्रपति ट्रंप के साथ बैठक भी शामिल है. अपने यूएनजीए भाषण के दौरान वे विकास और शांति और सुरक्षा को लेकर भारत की भूमिका पर प्रकाश डालेंगे. वहीं, अनुच्छेद 370 को हटाने का कोई उल्लेख नहीं किया जाएगा, क्योंकि यह 'आंतरिक मसला' है.