दिल्ली में पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने शनिवार को राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र (Rashtriya Swachhata Kendra) का उद्घाटन किया. उद्धाटन के बाद पीएम मोदी ने कहा कि जबतक जनता में आत्मविश्वास पैदा नहीं होता, तबतक वो आजादी के लिए खड़ी कैसे हो सकती था? इसलिए, साउथ अफ्रीका से लेकर चंपारण और साबरमती आश्रम तक, उन्होंने स्वच्छता को ही अपने आंदोलन का बड़ा माध्यम बनाया.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि गांधी जी कहते थे स्वराज सिर्फ साहसी और स्वच्छ जन ही ला सकते हैं. स्वच्छता और स्वराज के बीच के रिश्ते को लेकर गांधी जी इसलिए आश्वस्त थे क्योंकि उन्हें विश्वास था कि गंदगी अगर सबसे ज्यादा नुकसान किसी का करती है, तो वो गरीब है. उन्होंने कहा कि 'महात्मा गांधी जी का अभियान था- अंग्रेजों भारत छोड़ो. हम लोग अभियान चला रहे हैं- गंदगी भारत छोड़ो.' पिछले साल देश के सभी गांवों ने अपने आप को खुले में शौच मुक्त घोषित किया था, इस सफलता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे स्वच्छता चैंपियन बहुत बड़ी भूमिका निभाने वाले हैं. शहर से लेकर गांव तक, स्कूल से लेकर घर तक आप ही बड़ों को रास्ता दिखा सकते हैं कि वह साफ-सफाई का ध्यान रखें.
उन्होंने आगे कहा कि आज का दिन बहुत ऐतिहासिक है. देश की आजादी में आज की तारीख का बहुत बड़ा योगदान है. आज के ही दिन, 1942 में गांधी जी की अगुवाई में आजादी के लिए एक विराट जन आंदोलन शुरू हुआ था, अंग्रेजों भारत छोड़ो का नारा लगा था. ऐसे ऐतिहासिक दिवस पर, राजघाट के समीप, राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र का लोकार्पण अपने आप में बहुत प्रासंगिक है. ये केंद्र, बापू के स्वच्छाग्रह के प्रति 130 करोड़ भारतीयों की श्रद्धांजलि है, कार्यांजलि है.
पीएम मोदी ने आगे कहा कि इस केंद्र में सत्याग्रह की प्रेरणा से स्वच्छाग्रह की हमारी यात्रा को आधुनिक टेक्नॉलॉजी के माध्यम से दर्शाया गया है. मैं ये भी देख रहा था कि स्वच्छता रोबोट यहां आए बच्चों के बीच में काफी लोकप्रिय है. स्वच्छ भारत अभियान ने हर देशवासी के आत्मविश्वास और आत्मबल को बढ़ाया है, लेकिन इसका सबसे अधिक लाभ देश के गरीब के जीवन पर दिख रहा है. स्वच्छ भारत अभियान से हमारी सामाजिक चेतना, समाज के रूप में हमारे आचार-व्यवहार में भी स्थाई परिवर्तन आया है.
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उन्होंने कहा कि देश के बच्चे-बच्चे में Personal और Social hygiene को लेकर जो चेतना पैदा हुई है, उसका बहुत बड़ा लाभ कोरोना के विरुद्ध लड़ाई में भी हमें मिल रहा है. आप कल्पना कीजिए, अगर कोरोना जैसी महामारी 2014 से पहले आती, तो क्या स्थिति होती. पीएम मोदी ने कहा कि देश को कमजोर बनाने वाली बुराइयां भारत छोड़ें, इससे अच्छा और क्या होगा. इसी सोच के साथ बीते 6 साल से देश में एक व्यापक भारत छोड़ो अभियान चल रहा है. गरीबी- भारत छोड़ो, खुले में शौच की मजबूरी- भारत छोड़ो, पानी के दर-दर भटकने की मजबूरी- भारत छोड़ो, भ्रष्टाचार की कुरीति- भारत छोड़ो.
उन्होंने आगे कहा कि भारत छोड़ो के ये सभी संकल्प स्वराज से सुराज की भावना के अनुरूप ही हैं. आइए, आज से 15 अगस्त तक यानि स्वतंत्रता दिवस तक देश में एक सप्ताह लंबा अभियान चलाएं. स्वराज के सम्मान का सप्ताह यानि 'गंदगी भारत छोड़ो सप्ताह'.