प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने इशारों-इशारों में CAA को साहसिक फैसला करार दिया है. एसोचैम (ASSOCHAM) के AGM में नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश को संकट से निकालने का उनका अभियान लगातार चल रहा है लेकिन यह सब आसान नहीं है. उन्होंने कहा कि इसके लिए बहुत कुछ सहना पड़ता है. लोगों का गुस्सा सहना पड़ता है लेकिन देश को आगे बढ़ाने के लिए यह सब जरूरी है. उन्होंने कहा कि 70 साल की आदत को बदलने के लिए समय लगता है.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने नागरिकता संशोधन कानून का नाम बगैर लिए इशारों-इशारों में अपनी बात कही. नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर कहा ये सब ऐसे ही हुआ होगा क्या? बहुत लोगों की नाराजगी सहनी पड़ती है. बहुत लोगों का गुस्सा सहन करना पड़ता है. तरह-तरह के आरोपों से गुजरना पड़ता है.
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अर्थव्यवस्था को आधुनिक टेक्नोलॉजी के साथ आगे बढ़ाने का प्रयास जारी
नरेंद्र मोदी ने कहा कि 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था का लक्ष्य जब उन्होंने सार्वजनिक रूप से कहा तो उन्हें पता था कि सुगबुगाहट शुरु हो जाएगी. ऐसा भी कहा जाएगा कि भारत ऐसा नहीं कर सकता है, लेकिन आजकल अर्थव्यवस्था को गति देने वाले सभी समूह 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था को लेकर चर्चा तो करते हैं. हमारे देश में सामर्थ्य है, उस सामर्थ्य के भरोसे आगे बढ़ना है तो लक्ष्य, दिशा और मंजिल को जनसामान्य से जोड़ना ही चाहिए और हमारा यही प्रयास है. हमने अर्थव्यवस्था के ज्यादातर आयामों को फॉर्मल व्यवस्था में लाने का प्रयास किया है. इसके साथ ही हम अर्थव्यवस्था को आधुनिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए Modernize और Speed Up करने की दिशा में भी आगे बढ़े हैं.
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नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज देश में वह सरकार है जो किसान की भी सुनती है, मजदूर की भी सुनती है, व्यापारी की भी सुनती है और उद्योग जगत की भी सुनती है. उनकी आवश्यकताओं को समझने का प्रयास करती है और उनके सुझावों पर संवेदनशीलता से काम करती है. क्या उद्योग जगत नहीं चाहता था कि देश में टैक्स का जाल कम हो. हर राज्य में अलग अलग दरों की परेशानी से उसे मुक्ति मिले. हम जीएसटी लाए. व्यापार जगत से जो भी फीडबैक मिला, हम जीएसटी में आवश्यक चीजें जोड़ते रहे और उसमें जरूरी परिवर्तन करते रहे.
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पिछले 3 साल Ease of Doing Business में भारत का सबसे अच्छा सुधार
Ease of Doing Business कहने में चार शब्द लगते हैं लेकिन इसकी रैंकिंग में बदलाव तब होता है जब दिन-रात मेहनत की जाती है, जमीनी स्तर पर जाकर नीतियों में, नियमों में बदलाव होता है. आज भारत दुनिया के उन TOP 10 देशों में शामिल है, जिसने इज ऑफ डूइंग बिजनेस की रैंकिंग में पिछले 3 वर्षों में लगातार सबसे अच्छा सुधार किया है.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो