संशोधित नागरिकता कानून के विरोध को लेकर विपक्षी दलों पर वोट बैंक पर कब्जा करने की स्पर्धा में शामिल होने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि दशकों पुरानी समस्याएं सुलझा रही उनकी सरकार के फैसले पर जो लोग सांप्रदायिकता का रंग चढ़ा रहे हैं, उनका असली चेहरा देश देख भी रहा है और समझ भी रहा है. राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) के कैडेटों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘ कुछ राजनीतिक दल वोट बैंक पर कब्जा करने की स्पर्धा में लगे हैं, आखिर किसके हितों के लिए काम कर रहे हैं ये लोग.’’
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उन्होंने कहा, ‘‘ऐतिहासिक अन्याय को दुरुस्त करने के वास्ते भारत के पुराने वादे को पूरा करने के लिए आज जब हमारी सरकार संशोधित नागरिकता कानून :सीएए: लेकर आई है तो कुछ राजनीतिक दल वोट बैंक की खातिर इसका विरोध कर रहे हैं.’’ मोदी ने कहा कि सीएए का विरोध ऐसे लोग कर रहे हैं जिन्होंने शत्रु सम्पत्ति कानून का भी विरोध किया था. उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के बाद भारत ने पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान के हिंदुओं, सिखों और अन्य अल्पसंख्यकों से वादा किया था कि जरूरत महसूस होने पर वे भारत आ सकते हैं. यही इच्छा गांधी जी की थी और यही भावना 1950 में नेहरू-लियाकत समझौते की भी थी. मोदी ने कहा, ‘‘ दशकों पुरानी समस्याएं सुलझा रही हमारी सरकार के फैसले पर जो लोग सांप्रदायिकता का रंग चढ़ा रहे हैं, उनका असली चेहरा देश देख भी रहा है और समझ भी रहा है. मैं फिर कहूंगा- देश देख रहा है, समझ रहा है. चुप है, लेकिन सब समझ रहा है.’’
उन्होंने कहा ‘‘मैं इसमें नहीं जाना चाहता कि देश जब आजाद हुआ था तब बंटवारा किसकी सलाह पर हुआ था, किन परिस्थितियों में हुआ था. हालांकि बंटवारे के बाद सीमा से जुड़े कुछ मुद्दे भी आए, लेकिन इनके समाधान के लिए कोई बड़े प्रयास नहीं हुए.’’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हम जानते हैं कि हमारा पड़ोसी देश हमसे तीन-तीन युद्ध हार चुका है. हमारी सेनाओं को उसे धूल चटाने में हफ्ते-दस दिन से ज्यादा समय नहीं लगता.’’
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उन्होंने कहा कि आज युवा सोच है. युवा मन के साथ देश आगे बढ़ रहा है और इसलिए वह सर्जिकल स्ट्राइक करता है, एअर स्ट्राइक करता है और आतंक के सरपरस्तों को उनके घर में जाकर सबक सिखाता है. इसका परिणाम आप भी देख रहे हैं. युवा शक्ति का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘जो लोग काम चलाने वाली प्रवृत्ति के होते हैं, उनके लिए कल कभी नहीं आता. इस स्थिति को मेरे आज का युवा भारत, मेरे भारत का युवा, स्वीकारने के लिए तैयार नहीं है.’’ उन्होंने कहा कि आज का युवा छटपटा रहा है कि स्वतंत्रता के इतने साल हो गए, चीजें कब तक ऐसे ही चलती रहेंगी.
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘इस स्थिति को मेरे आज का युवा भारत, मेरे भारत का युवा, स्वीकारने के लिए तैयार नहीं है. वो छटपटा रहा है कि स्वतंत्रता के इतने साल हो गए, चीजें कब तक ऐसे ही चलती रहेंगी? कब तक हम पुरानी कमजोरियों को पकड़कर बैठे रहेंगे. वो देश बदलना चाहता है, स्थितियां बदलना चाहता है.’’ मोदी ने कहा, ‘‘हम समस्याओं का समाधान चाहते हैं, उन्हें लटकाए रखना नहीं चाहते. जीएसटी हो, गरीबों को आरक्षण का फैसला हो, बलात्कार के जघन्य अपराधों में फांसी का कानून, हमारी सरकार इसी युवा सोच के साथ लोगों की बरसों पुरानी मांगों को पूरा करने का काम कर रही है.’’
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उन्होंने युवाओं का आह्वान करते हुए कहा, ‘‘ वर्ष 2022, इतना बड़ा अवसर है, यह दशक इतना बड़ा अवसर है. इसकी सबसे बड़ी ताकत हमारी युवा ऊर्जा है. इसी ऊर्जा ने हमेशा देश सँभाला है और यही ऊर्जा इस दशक को भी संभालेगी. आइए, कर्तव्य पथ पर बढ़ चलें.’’ दिल्ली की अनधिकृत कालोनियों के संबंध में सरकार के फैसले का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि यह युवा भारत की सोच है, न्यू इंडिया की सोच है जिसने दिल्ली के 40 लाख लोगों के जीवन से, उनकी सबसे बड़ी चिंता को दूर कर दिया है. उनकी सरकार के फैसले का लाभ हिंदुओं, मुस्लिमों, सिखों, ईसाइयों सभी को होगा.
उन्होंने कहा कि इसलिए युवाओं ने तय किया है कि अब टाला नहीं जाएगा, अब टकराया जाएगा, निपटा जाएगा . मोदी ने कहा कि आज विश्व में भारत की पहचान, युवा देश के रूप में है. देश के 65 प्रतिशत से ज्यादा लोग 35 वर्ष से कम उम्र के हैं. उन्होंने कहा, ‘‘देश युवा है, इसका हमें गर्व है लेकिन देश की सोच युवा हो, यह हमारा दायित्व होना चाहिए.’’
Source : Bhasha