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PM Modi Speech: पीएम मोदी ने बताया जनता ने लगातार तीसरी बार क्यों उनकी सरकार को दिया मौका, जानें प्रधानमंत्री के संबोधन की बड़ी बातें

PM Modi Speech: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में अपने संबोधन के दौरान बताया कि आखिर जनता ने क्यों लगातार तीसरी बार उनकी सरकार को चुना.

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Dheeraj Sharma
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PM Narendra Modi Speech

PM Narendra Modi Speech ( Photo Credit : Social Media)

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PM Modi Speech: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को लोकसभा में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के तहत सदन को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने न सिर्फ अपनी सरकार की उपलब्धियों को गिनाया बल्कि आने वाले वक्त में अपनी सरकार की नीतियों के बारे में भी विस्तार से बताया. उन्होंने 2014 के पहले और बाद के भारत में अंतर भी बताया तो बीती सरकारों की कमियों को भी गिनाया. आइए जानते हैं पीएम मोदी के भाषण की बड़ी बातें. 

पीएम मोदी के संबोधन की बड़ी बातें

- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विकसित भारत के संकल्प को अपने प्रवचन में विस्तार दिया है. 
आदरणीय राष्ट्रपति जी ने हम सबका और देश का मार्ग दर्शन किया है. इसके लिए मैं राष्ट्रपति का ह्दय से आभार व्यक्त करता हूं. 

- कल और आज कई माननीय सदस्यों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर अपने विचार व्यक्त किए. विशेषतौर पर जो पहली बार सांसद बनकर हमारे बीच आए हैं जिन्होंने अपने विचार व्यक्त किए जिन्होंने संसद के सभी नियमों का पालन किया. उनका व्यवहार ऐसा था जैसा एक मंझे हुए सांसद का होता है. इन सांसदों ने संसद की गरिमा को बढ़ाया है. उन्होंने अपने विचारों से डिबेट को अधिक मूल्यवान बनाया है. 

- देश ने एक सफल चुनाव अभियान को पार करते हुए विश्व को दिखा दिया है कि दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव अभियान था. देश की जनता ने दुनिया के सबसे बड़े चुनाव अभियान में हमें चुना है और मैं कुछ लोगों की पीड़ा समझ सकता हूं, लगातार झूठ चलाने के बाद भी उनकी घोर पराजय हुई है. 

- हमें हर कसौटी पर कसने के बाद देश की जनता ने ये जनादेश दिया है. जनता ने हमारे 10 वर्ष के प्रयासों को देखा. जनता ने देखा है कि गरीबों के कल्याण के लिए हमने जिस समर्पण भाव से काम किया. 

- 10 साल में 25 करोड़ गरीब गरीबी से बाहर निकले. देश की आजादी कालखंड में इतने कम समय में इतने लोगों को गरीबी से बाहर निकालने का ये सफल प्रयास इस चुनाव में हमारे लिए आशीर्वाद का कारण बना है. 

- 2014 में हम जब पहली बार जीतकर आए थे, तो चुनाव के अभियान में भी हमने कहा था कि हमारा करप्शन के प्रति जीरो टॉलरेंस रहेगा और आज मुझे गर्व है कि हमारे सरकार में देश का सामान्य मानवी जो करप्शन के कारण परेशान था वह अब सुखी है. 

- दुनियाभर में भारत की साख बढ़ी है. विश्व में भारत का गौरव बढ़ा है. भारत के प्रति देखने का नजरिया भी दुनिया का बदला है इसको हर भारतवासी अनुभव कर रहा है. 

- देश की जनता ने देखा है हमारा लक्ष्य नेशन फर्स्ट है, भारत सर्वप्रथम है. हमारी हर नीति, हमारे हर निर्णय, हमारे हर काम का एक ही तराजू रहा है, भारत प्रथम. इसी भावना के साथ देश आवश्यक रिफॉर्म को भी हमने लगातार जारी रखा है. 

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-10 साल में हमारी सरकार सबका साथ, सबका विकास इस मंत्र को लेकर लगातार गरीब लोगों को कल्याण करने का काम कर रही है. हम उन सिद्धांतों को समर्पित हैं जो सर्वधर्म सम्भाव पर आधारित है. 

- इस देश ने लंबे अर्से तुष्टिकरण की राजनीति भी देखी, तुष्टिकरण का मॉडल भी देखा, देश ने पहली बार सेकुलरिज्म भी देखा. हमने जो प्रयास किया वो तुष्टिकरण नहीं बल्कि संतुष्टिकरण के प्रयास से चले. संतुष्टिकरण का मतलब हर योजना का क्रियान्वयन लोगों तक पहुंचाना है. 

- सेच्युरेशन सच्चे अर्थ में सामाजिक न्याया होता है. इसी को देश की जनता ने तीसरी बार संसद में पहुंचा कर मौहर लगा दी है. 

- इस चुनाव ने इस बात को सिद्ध किया है कि भारत की जनता कितना परिपक्व है. कितने विवेकपूर्ण रूप से और उच्च आदर्शों को लेकर अपने मत का सही उपयोग करती है. इसी का नतीजा है तीसरी बार हम आपके सामने और देश की जनता के सामने प्रस्तुत हुए हैं. 

- जनता ने हमारी नीति, नीयत और निष्टा पर भरोसा किया है. इस चुनाव में हम जनता के बीच एक बड़े संकल्प के साथ देश की जनता के पास गए थे. जनता ने विकसित भारत के संकल्प को साकार करने के लिए हमें एक बार फिर चुना है. 

- जब देश विकसित होता है तब कोटी-कोटी जनों के सपने पूरे होते हैं. जब देश विकसित होता है तब आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक मजबूत नींव उनके सपनों को पूरा करने के लिए तैयार हो जाती है.  जब विकसित भारत होता है तो गांव से लेकर शहरों की स्थिति में बड़ा सुधार देखने को मिलता है. गांव के जीवन में गौरव भी होता है गरिमा भी होती है और विकास के नए-नए अवसर भी होते हैं. 

- दुनिया का विकास यात्रा में भारत के शहर भी बराबरी करेंगे. यह हमारा सपना है. विकसित भारत का मतलब होता है, कोटी-कोटी नागरिकों को कोटी-कोटी अवसर उपलब्ध होते हैं. 

- मैं आज आपके माध्यम से देशवासियों को विश्वास दिलाता हूं कि विकसित भारत के जिस संकल्प को लेकर हम चलें हैं उसकी पूर्ति के लिए हम भरसक प्रयास करेंगे. पूरी निष्ठा से करेंगे और पूरी ईमानदारी से करेंगे. हमारे शरीर का कण-कण राष्ट्र को समर्पित है. 

- देश की जनता को कहा था 24 बाय 7 देश की सेवा में रहेंगे. इस संकल्प पर हम कायम हैं. जब हम सत्ता में आए तब हमने देखा कि  देश के लोगों का विश्वास डगमगा गया था, देश निराश था. जब देश के लोगों का विश्वास खत्म हो जाता है तो देश के आगे बढ़ाना मुश्किल हो जाता है. उस दौर में यही सुनाई देता था कि इस देश का कुछ हो नहीं सकता. 2014 से पहले देश में यही शब्द हर तरफ सुनाई देते थे. 

- उस दौर में आए दिन अखबार खोलते थे तो सिर्फ घोटालों की खबरें ही पढ़ने को मिलती थी. ये घोटालेबाज लोगों का कालखंड था. बेशर्मी के साथ सार्वजनिक रूप से कहा भी जाता था कि दिल्ली से एक रुपया निकलता है तो 15 पैसा ही लोगों तक पहुंचता है. एक रुपए में 85 फीसदी का घोटाला. 

- भाई-भतीजावाद इतना बढ़ा हुआ था कि सामान्य नौजवान आशा खो चुका था, गरीब को घर लेना हो तो वह सिर्फ सपना था. गैस के कनेक्शन नहीं मिलते थे, सिर्फ चक्कर काटे जाते थे. मुफ्त राशन भी पता नहीं कब मिला. राशन लेने के लिए भी रिश्वत देना पड़ती थी. 

- 2014 के पहले ऐसा वक्त था देश निराशा की गर्त में डूबा हुआ था, तब देश की जनता ने हमें सेवा करने के लिए चुना. वो पहल देश के परिवर्तित युग का प्रारंभ हो गया था. हमारी जनता की अनेक उपलब्धियां हैं. 10 वर्ष में हमने कई ऐसे काम किए जिसने देशवासियों के लिए गौरव का पल कायम किया. देशवासियों का विश्वास भी बुलंदी पर पहुंचा. 

- एक वक्त था जब कोयले के उत्पादन में दिग्गजों के हाथ काले हो गए थे, अब वक्त बदल गया है और भारत सर्वाधिक कोयला उत्पादित कर रहा है. 2014 के पहले फोन बैंकिंग में बड़े-बड़े घोटाले हो रहे थे, अपनी पर्सनल प्रॉपर्टी की तरह बैंक का खजाना लूट किया गया था. 2014 के बाद नीतियों में परिवर्तन, निर्णयों में गति का परिणाम है कि दुनिया की अच्छी बैंकों में भारत के बैंकों का स्थान बन गया है. भारत की बैंक सर्वाधिक मुनाफा करने वाली बैंक बन गई हैं. 

- 2014 के पहले आतंकी आकर जब चाहे वहां हमला कर सकते थे, लेकिन 2014 के बाद नीतियां बदलीं और आतंकियों की कमर तोड़ दी गई. अब कोई निर्दोष नहीं मारा जाता, सरकार चुप नहीं बैठती. अब हिंदुस्तान घर में घुसकर मारता है, आतंक के आकाओं को भी सबक सिखा रहा है. 

- देश का एक-एक नागरिक जानता है कि अपनी सुरक्षा के लिए भारत कुछ भी कर सकता है. आर्टिकल 370 की पूजा करने वाले लोगों ने वोट बैंक की राजनीति का हथियार बनाने वालों जम्मू-कश्मीर का हालात बदत्तर कर दिए थे. इसे हटाकर हमारी सरकार ने जम्मू-कश्मीर के लोगों को नया जीवन दिया. 

- आजादी की जंग चल रही थी, जो उत्साह, उमंग लोगों में था कि आजादी लेकर रहेंगे, यही विश्वास अब एक बार फिर लोगों में पैदा हुआ है. विकसित भारत के लिए देशवासी इबारत लिखने का काम कर रहे हैं. जो ललक गांधी के आंदोलन में थी वहीं ललक विकसित भारत के सपने को साकार करने में है. 

- भारत के लक्ष्य बहुत विराट हैं. देश के ऐसी स्थिति में 10 वर्ष में पहुंचा है वो हमारी प्रतिस्पर्धा का मार्ग बन चुका है. बीते 10 वर्ष में हमने जो स्पीड पकड़ी है अब हमारा मुकाबला उसी स्पीड को और ज्यादा स्पीड में ले जाने का है. 

- लोकसभा के साथ-साथ हमने चार राज्यों के चुनाव नतीजों में जीत दर्ज की है. नए-नए क्षेत्रों में हमें जनता का प्यार मिल रहा है. ओडिशा में पहली बार बीजेपी की सरकार बनी है. 

- कर्नाटक, एमपी, राजस्थान में भी बीजेपी का वोट परसेंटेज बढ़ा है. 

- महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड में चुनाव आ रहे हैं. सभापति जी पिछली विधानसभा में हमें जितने वोट मिले थे इस लोकसभा चुनाव में हमें उससे भी ज्यादा वोट मिले हैं. पंजाब में भी हमारा अभूतपूर्व प्रदर्शन रहा है. 

कांग्रेस को भी जनता ने जनादेश दिया है, विपक्ष में बैठने का
- कांग्रेस के लिए भी देश की जनता के जनादेश दिया है और जनादेश है कि विपक्ष में ही बैठो. तर्क खत्म हो जाए तो चीखते रहो, चिल्लाते रहो. कांग्रेस के इतिहास का ये पहला मौका है जब लगातार तीन बार कांग्रेस 100 का आंकड़ा पार नहीं कर पाई है. कांग्रेस के इतिहास में तीसरी सबसे बड़ी हार है. तीसरा सबसे खराब प्रदर्शन है. अच्छा होता कांग्रेस अपनी हार स्वीकर करती, जनता जनार्दन के आदेश के सिर आंखों पर चढ़ाती, आत्म मंथन करती लेकिन ये तो दुश्शासन करने लगे हैं. कांग्रेस और उसकी ईको सिस्टम दिनरात बिजली चलाकर हिंदुस्तान के लोगों के मन में ये प्रस्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं कि उन्होंने हमें हरा दिया है.

ऐसा क्यों हो रहा है 'मैं जरा अपने सामान्य जीवन के अनुभव से बताता हूं. कोई छोटा बच्चा साइकिल लेकर निकला है और अगर वह गिर जाता है तो रोने लगता है तो बड़ा व्यक्ति आकर उसके पास पहुंच जाता है और कहता है कि चींटी मर गई, देखों चिड़िया उड़ गई. तुम बढ़िया साइकल चलाते हो. उसका ध्यान भटकाकर उस बच्चे का मन बहला देते हैं. इन दिनों बच्चे का मन बहलाने का प्रयास चल रहा है. कांग्रेस के लोग और उसका ईको सिस्टम इन दिनों ये मन बहलाने का काम कर रहा है. 1984 के चुनाव को याद कीजिए, इस देश में 10 लोकसभा चुनाव हुए, कांग्रेस 250 के आंकड़े को छू नहीं पाई है. इस बार किसी तरह 99 के चक्कर फंस गए हैं.'

एक किस्सा याद आता है. 99 मार्क लेकर एक बालक घूम रहा था. सबको दिखाता था इतने ज्यादा मार्क्स आए हैं. लोग भी जब 99 सुनते थे तो शाबाशी देते थे. फिर किसी ने बताया कि ये बालक 100 में से 99 नहीं लाया यह तो 545 में से 99 मार्क्स लाया है. इस बालक को कौन समझाए कि तुमने फेल होने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दिया है.  इन्होंने तो शोले फिल्म को भी पीछे छोड़ दिया है.

पीएम मोदी को आई शोले फिल्म की मौसी की याद 

आपको शोले फिल्म की मौसी जी याद होगी. तीसरी बार तो हारे हैं पर मौसी ये बात तो सही है तीसरी बार ही तो हारे हैं. 13 राज्यों में 0 सीटे आई हैं. अरे मौसी 13 राज्यों में 0 सीटें आई है पर हीरो तो हैं ना. अरे पार्टी की लुटिया तो डुबोई है, पार्टी अभी भी सांसें तो ले रही है. जनादेश को फर्जी जीत के जश्न में मत दबाओ. ईमानदारी से देशवासियों के जनादेश को जरा समझने की कोशिश करो. इसे स्वीकार करो.  

Source : News Nation Bureau

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