देश में कोरोना की दूसरी लहर से हाहाकार मचा हुआ है. महाराष्ट्र में स्थिति सबसे चिंताजनक है. यहां बुधवार से कोरोना कर्फ्यू लगाया जा रहा है. इसमें केवल जरूर सेवाओं को ही छूट दी जाएगी. दूसरी तरफ देश में कोरोना की बेलगाम रफ्तार के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुधवार को सभी राज्यों के राज्यपालों के बैठक के करेंगे. इस बैठक में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडु भी शामिल होंगे. सभी राज्यों के गवर्नर के साथ प्रधानमंत्री की इस बैठक को बेहद अहम माना जा रहा है क्योंकि अब महाराष्ट्र के बाद कई अन्य राज्यों में भी कोरोना बेलगाम होता जा रहा है. दिल्ली और उत्तर प्रदेश में भी हालात गंभीर होते जा रहे हैं.
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मुख्यमंत्रियों के साथ की थी बैठक
कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने 8 अप्रैल को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की थी. इस बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने फिलहाल लॉकडाउन जैसी किसी भी संभावना से इनकार किया था. उन्होंने वैक्सीनेशन और कोरोना के मामलों की ट्रेसिंग के लिए अधिक से अधिक टेस्टिंग पर जोर देने को कहा था. तब पीएम ने सभी राज्यों के गवर्नर को भी कोरोना के खिलाफ मुहिम में शामिल करने की बात कही थी. पीएम मोदी ने कहा था कि मुख्यमंत्रियों पर काम का दवाब होने के बाद अब राज्यपालों को भी कोरोना के खिलाफ लड़ाई में शामिल होना चाहिए.
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महाराष्ट्र में आज से कड़े प्रतिबंध
महाराष्ट्र में कोरोना की बेलगाम रफ्तार के बाद आज से राज्य में कड़े प्रतिबंध लागू हो रहे हैं. रात 8 बजे से पूरे महाराष्ट्र में कोरोना कर्फ्यू लगाया जा रहा है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि ब्रेक द चेन के लिए अब राज्य में धारा 144 लागू होगी. साथ ही अगले 15 दिनों तक, सिर्फ जरूरी काम के लिए ही बाहर लोग निकल सकेंगे. इस दौरान एसेंशियल सर्विस के अलावा सब बंद रहेगा. सार्वजनिक परिवहन सेवाएं शुरू रहेंगे. आज यह करने की जरूरत इसीलिए है क्योंकि मरीजों की बढ़ती संख्या डरा देने वाली है. स्वास्थ्य सुविधा कम पड़ती हुई दिखाई दें रही है. सरकार एक महीने के लिए राशन की व्यवस्था करेगी, जिसका लाभ साढ़े 7 करोड़ लोगों को मिलेगा. स्वास्थ्य सुविधा में जहां जैसी जरूरत है उसके अनुसार व्यवस्था की जा रही है. जहां बेड्स, ऑक्सीजन , वेंटिलेटर , आइसोलेशन , कोरोंटीन सेंटर्स बढ़ा रहे है पर इन सब के लिए डॉक्टर्स कर्मचारियों की भी जरूरत पड़ेगी.