प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज हिमाचल प्रदेश के रोहतांग में सामरिक रूप से महत्वपूर्ण सभी मौसम में खुली रहने वाली अटल सुरंग का उद्घाटन करेंगे. प्रधानमंत्री आज कुल्लू जिले में हिम एवं हिमस्खलन अध्ययन प्रतिष्ठान (एसएएसई) पहुंचेंगे. वह सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के अतिथि गृह में ठहरेंगे और वहां अधिकारियों के साथ बातचीत करेंगे. मोदी अटल सुरंग के जरिए लाहौल-स्पीति जिले की लाहौल घाटी में उसके उत्तरी पोर्टल तक पहुंचेंगे और मनाली में दक्षिणी पोर्टल के लिए हिमाचल सड़क परिवहन निगम (एवआरटीसी) की एक बस को हरी झंडी देंगे.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुल्लू जिले के सोलंग नाला (मनाली) में और लाहौल-स्पीति जिले के सीसू में दो सार्वजनिक रैलियों को भी संबोधित करेंगे. प्रधानमंत्री के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद होंगे. रक्षा मंत्री शुक्रवार शाम को ही मनाली पहुंच गए और बीआरओ अधिकारियों के साथ बैठक की. इसके अलावा उन्होंने सुरंग के उद्घाटन से पहले उसका निरीक्षण भी किया.
प्रधानमंत्री मोदी के हिमाचल दौरे का शेड्यूल इस प्रकार होगा.
- वह 9:10 बजे मनाली के सासे हेलीपैड पर पहुंचेंगे.
- सुबह 11 बजकर 45 मिनट पर वह अटल टनल का उद्घाटन करेंगे.
- इसके बाद वह 11:50 बजे सुरंग से होकर लाहौल स्पीति में सीशू पहुंचेंगे.
- सोलंग नाला (मनाली) में दोपहर 1:00 बजे एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करेंगे.
- फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2:20 बजे वहां से प्रस्थान करेंगे.
यह दुनिया में समुद्र तल से 3,000 मीटर की ऊंचाई पर बनी सबसे लंबी सुरंगों में से एक है. 9.02 किलोमीटर लंबी सुरंग मनाली को वर्ष भर लाहौल स्पीति घाटी से जोड़े रखेगी. पहले घाटी करीब छह महीने तक भारी बर्फबारी के कारण शेष हिस्से से कटी रहती थी. हिमालय के पीर पंजाल पर्वत श्रृंखला के बीच अत्याधुनिक विशिष्टताओं के साथ समुद्र तल से करीब 3 हजार मीटर (करीब 10 हजार फीट) की ऊंचाई पर सुरंग को बनाया गया है.
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रोहतांग दर्रा के पास बनी अटल सुरंग से मनाली और लेह के बीच 46 किलोमीटर की दूरी घट जाएगी और यात्रा समय में चार से पांच घंटे की कमी आएगी. अटल सुरंग का दक्षिणी पोर्टल मनाली से 25 किलोमीटर की दूरी पर 3,060 मीटर की ऊंचाई पर बना है, जबकि उत्तरी पोर्टल 3,071 मीटर की ऊंचाई पर लाहौल घाटी में तेलिंग, सीसू गांव के नजदीक स्थित है.
घोड़े की नाल के आकार वाली दो लेन वाली सुरंग में 8 मीटर चौड़ी सड़क है और इसकी ऊंचाई 5.525 मीटर है. इसके निर्माण में 3,300 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं. अटल सुरंग देश की रक्षा के नजरिए से भी बहुत महत्वपूर्ण है. अटल सुरंग का डिजाइन प्रतिदिन तीन हजार कारों और 1500 ट्रकों के लिए तैयार किया गया है, जिसमें वाहनों की अधिकतम गति 80 किलोमीटर प्रति घंटे होगी.
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उल्लेखनीय है कि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने रोहतांग दर्रे के नीचे सामरिक रूप से महत्वपूर्ण इस सुरंग का निर्माण कराने का निर्णय किया था और सुरंग के दक्षिणी पोर्टल पर संपर्क मार्ग की आधारशिला 26 मई 2002 को रखी गई थी. मोदी सरकार ने दिसम्बर 2019 में पूर्व प्रधानमंत्री के सम्मान में सुरंग का नाम अटल सुरंग रखने का निर्णय किया था, जिनका निधन पिछले वर्ष हो गया.
HIGHLIGHTS
- अटल सुरंग दुनिया में सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग है.
- अब हर मौसम में मनाली और लाहौल-स्पीति आ जा सकेंगे
- अटल सुरंग देश की रक्षा के नजरिए से भी बहुत महत्वपूर्ण
Source : News Nation Bureau