पीएम नरेंद्र मोदी सोमवार को जैन भिक्षु आचार्य विजय वल्लभ सूरीश्वर जी महाराज की 151वीं जयंती समारोह के अवसर पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पाली जिले में 'शांति की प्रतिमा का अनावरण करेंगे. 151 इंच ऊंची अष्टधातु प्रतिमा विजय वल्लभ साधना केंद्र, जैतपुरा में स्थापित की गई है. 151 इंच की अष्ट धातु से बनी मूर्ति जमीन से 27 फिट ऊंची है. इसका वजन 1300 किलो है. इस मूर्ति का नाम 'स्टेच्यू ऑफ पीस' है.
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गुजरात के बड़ौदा में वल्लभ सूरीश्वरजी का जन्म हुआ था
वल्लभ सूरीश्वरजी का जन्म गुजरात के बड़ोदा में विक्रम संवत 1870 में हुआ था. आजादी के समय खादी स्वदेशी आंदोलन में भी उनका बड़ा सहयोग रहा. आचार्यश्री खुद खादी पहनते थे. 1947 में देश विभाजन के समय आचार्यजी का पाकिस्तान के गुजरावाला में चातुर्मास था, उस समय सभी को हिंदुस्तान के लिए निकाला जा रहा था, तब जैनाचार्य ने कहा था कि जब तक एक भी जैन साहित्य, जैन मूर्ति, जैन लोग असुरक्षित हैं तब तक वो नहीं जाएंगे.
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ब्रिटिश सरकार ने विशेष विमान की थी व्यवस्था
ब्रिटिश सरकार ने उनको भारत लाने के लिए विशेष विमान भेजा था, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया. आखिर सितंबर 1947 को पैदल विहार करते हुए अपने 250 अनुयायियों के साथ वह हिंदुस्तान पहुंचे. उन्होंने ने अपने साथ आए अनुयायियों के पुनर्वास सुनिश्चजित किया. साथ ही समाज के लिए शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में बहुत काम किया.
Source : News Nation Bureau