पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विश्व-भारती यूनिवर्सिटी (Visva-Bharati University) के दीक्षांत समारोह को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने रवींद्रनाथ टैगोर को याद किया और साथ ही शिवाजी महाराज की जयंती पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं. प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए छात्रों को नई शिक्षा नीति के बारे में बताया. पीएम नरेंद्र मोदी ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि गुरुदेव अगर विश्व भारती को सिर्फ एक यूनिवर्सिटी के रूप में देखना चाहते, तो वो इसको Global University या कोई और नाम भी दे सकते थे. लेकिन उन्होंने, इसे विश्व भारती विश्वविद्यालय नाम दिया. जब आप अपने कैंपस में बुधवार को ‘उपासना’ के लिए जुटते हैं, तो स्वयं से ही साक्षात्कार करते हैं. जब आप गुरुदेव द्वारा शुरू किए गए समारोहों में जुटते हैं, तो स्वयं से ही साक्षात्कार करते हैं. आइये हम आपको सिर्फ 5 प्वाइंट में बताते हैं कि प्रधानमंत्री (Prime Minister Modi) ने नई शिक्षा नीति के बारे में क्या कहा?
- भारत में आज जो नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनी है, वो भी पुरानी बेड़ियों को तोड़ने के साथ ही, विद्यार्थियों को अपना सामर्थ्य दिखाने की पूरी आजादी देती. ये शिक्षा नीति आपको अलग-अलग विषयों को पढ़ने की आजादी देती है. ये शिक्षा नीति, आपको अपनी भाषा में पढ़ने का विकल्प देती है.
- ये शिक्षा नीति entrepreneurship, self employment को भी बढ़ावा देती है. ये शिक्षा नीति Research को, Innovation को बढ़ावा देती है. आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में ये शिक्षा नीति भी एक अहम पड़ाव है.
- गुरुदेव ने विश्वभारती में जो व्यवस्थाएं विकसित कीं, जो पद्धतियां विकसित कीं, वो भारत की शिक्षा व्यवस्था को परतंत्रता की बेड़ियों से मुक्त करने, उन्हें आधुनिक बनाने का एक माध्यम थीं
- भारत पर ब्रिटिश एजुकेशन सिस्टम थोपे जाने से पहले, थॉमस मुनरो ने भारतीय शिक्षा पद्धति और भारतीय शिक्षा व्यवस्था की ताकत देखी थी. उन्होंने देखा था कि हमारी शिक्षा व्यवस्था कितनी वाइब्रेंट है.
- आपको ये भी हमेशा याद रखना होगा कि ज्ञान, विचार और स्किल, स्थिर नहीं है, ये सतत चलने वाली प्रक्रिया है. और इसमें Course Correction की गुंजाइश भी हमेशा रहेगी, लेकिन Knowledge और Power, दोनों Responsibility के साथ आते हैं.
Source : News Nation Bureau