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मोदी है तो मुमकिन है... लड़ने को तैयार चीन के बदले सुर, सीमा पर भारतीय सेना अड़ी

लद्दाख (Ladakh) और सिक्किम (Sikkim) में लड़ने को आतुर चीन के सुर बदल गए हैं. पीएम मोदी केअटल रुख को देखकर वास्तविक नियंत्रण रेखा पर फौज का जमावड़ा कर रहा बीजिंग प्रशासन अब समझौते की बात करने लगा है.

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Nihar Saxena
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PM Narendra Modi Xi Jinping

सीमा पर जारी तनाव के बाच चीनी राजदूत ने दिए नरम रुख के संकेत.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) कोरोना संक्रमण से जंग लड़ते हुए भी सीमा पर चीन (China) से तनाव के बीच अपने रुख पर अडिग रहे. इसके साथ ही उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर और एनआईए प्रमुख अजित डोभाल (Ajit Doval) से चर्चा कर जिस रणनीति को अमली--जामा पहनाया, उससे लद्दाख (Ladakh) और सिक्किम (Sikkim) में लड़ने को आतुर चीन के सुर बदल गए हैं. पीएम मोदी केअटल रुख को देखकर वास्तविक नियंत्रण रेखा पर फौज का जमावड़ा कर रहा बीजिंग प्रशासन अब समझौते की बात करने लगा है. इसकी शुरुआत भारत में चीन के राजदूत सुन वेडांग ने की. उन्होंने कहा कि भारत और चीन एक-दूसरे के लिए खतरा नहीं हैं. परस्पर द्विपक्षीय सहयोग के मामलों में दोनों देशों के सीमा मतभेद की परछाई भी नहीं पड़नी चाहिए.

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दोनों ओर से सेनाओं का जमावड़ा जस का तस
हालांकि लद्दाख और सिक्किम में दोनों ओर से सेना का जमावड़ा जस का तस है. इन्हीं इलाकों में चीनी सेना ने न सिर्फ घुसपैठ की कोशिश की थी, बल्कि भारतीय सेना के साथ हिंसक संघर्ष भी किया था. इसके बाद ही दोनों देशों ने सीमा पर अपनी-अपनी सेना का जमावड़ा बढ़ाना शुरू कर दिया था. हालांकि इस तनाव के बीच भारत ने अपने कूटनीतिक सूत्रों औऱ संपर्कों को भी खोल दिया था. इसके साथ ही थलसेनाध्यक्ष ने सीमा का दौरा कर हालात का जायजा लिया था. इस सबके बीच भारत ने दो टूक कह दिया था कि उसकी सेना तब तक पीछे नहीं हटेगी जब तक कि चीन की सेना एलएसी पर पहले की स्थिति में वापस नहीं लौटती है.

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चीनी राजदूत ने दिए विवाद शांत करने के संकेत
इस अडिग रुख के सकारात्मक परिणाम देखने में आए. अमेरिका के भी बीच में आ जाने से बीजिंग प्रशासन के लिए यही एकमात्र रास्ता था कि वह आक्रामकता के बजाय कूटनीति से काम लें. ऐसे में चीन के राजदूत सुन वेडांग ने एक बयान जारी कर दोनों पड़ोसी देशों को एक-दूसरे के लिए अवसर की तरह बताया. उन्होंने कहा कि रणनीतिक आपसी भरोसा बढ़ाने के लिए भारत और चीन को एक-दूसरे के विकास को सही नजरिए से देखना चाहिए. चीनी राजदूत का बयान ऐसे वक्त में आया है, जब चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि सीमा के हालात पूरी तरह स्थिर और नियंत्रण में हैं. इस बयान में कहा गया कि भारत-चीन बातचीत के जरिए मुद्दा सुलझाने में सक्षम हैं.

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भारत-चीन एक-दूसरे के लिए खतरा नहीं
सुन ने कहा भारत और चीन को इस मूल समझ पर बने रहना चाहिए कि वे एक-दूसरे के लिए मौके की तरह हैं. वे एक-दूसरे के लिए कोई खतरा नहीं हैं. कुछ पत्रकारों और युवाओं के डेलिगेशन के साथ वेबिनार में राजदूत सुन वेडांग ने कहा, 'ड्रैगन और हाथी के साथ-साथ डांस करने की हकीकत को समझना चीन और भारत दोनों के लिए सही विकल्प है. इसी से दोनों देशों और उनके नागरिकों के मूल हित सुरक्षित रहेंगे. दो बड़ी उभरती हुई अर्थव्यवस्था के रूप में चीन और भारत को आपसी सहयोग मजबूत करना चाहिए, जिससे दोनों समान हित के केक का विस्तार कर सकें.' चीनी राजदूत से पूछा गया था कि भारत-चीन संबंधों को सुधारने के लिए क्या किया जाना चाहिए.

HIGHLIGHTS

  • पीएम मोदी की कूटनीति ला रही है रंग. बदल रहे ड्रैगन के सुर.
  • चीनी राजदूत ने कहा कि दोनों देश एक-दूसरे के लिए अवसर की तरह.
  • हालांकि लद्दाख और सिक्किम में दोनों ओर की सेनाएं जस की तस.
PM Narendra Modi Sikkim Xi Jinping Ladakh Border Tension Indo-China Border Stand Off
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