सोमवार 18 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) भाजपा के सभी राष्ट्रीय पदाधिकारियों और मोर्चों के अध्यक्षों को सरकार की उपलब्धियों, चुनावी मुद्दों और चुनाव से जुड़ी रणनीति को लेकर गुरुमंत्र देंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस गुरूमंत्र या यूं कहे कि इन्हीं निर्देशों के साथ ही भाजपा (BJP) के चुनावी अभियान की भी शुरूआत हो जाएगी. साथ ही आने वाले दिनों में पार्टी की उच्चस्तरीय बैठकों का एजेंडा भी तय हो जाएगा. इसके बाद अगले 19 दिनों तक अलग-अलग स्तरों पर पार्टी और सरकार के अंदर बैठकों का दौर चलेगा और इनसे निकलने वाले मुद्दों पर अगले महीने 7 नवंबर को होने वाली भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मुहर लगाई जाएगी. 7 अक्टूबर को नड्डा ने पार्टी की नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी का ऐलान किया था. इस नई कार्यकारिणी में 80 सदस्य, 50 विशेष आमंत्रित सदस्य और 179 स्थायी आमंत्रित सदस्य नियुक्त किए गए हैं.
नेताओं से मांगा गया है रिपोर्ट कार्ड
सोमवार को दिन भर चलने वाली पार्टी के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक में पीएम मोदी की मौजूदगी और जेपी नड्डा की अध्यक्षता में सेवा एवं समर्पण अभियान के रिपोर्ट पर चर्चा की जाएगी. दरअसल भाजपा ने पीएम मोदी के जन्मदिवस पर 17 सितंबर से 7 अक्टूबर तक देशभर में सेवा एवं समर्पण अभियान चलाया था. सोमवार की बैठक के लिए सभी नेताओं को इस अभियान की उपलब्धियों से जुड़े रिपोर्ट कार्ड को लेकर आने को कहा गया है. बैठक में पार्टी के विस्तार सभी महासचिवों के राज्यों के चक्रीय प्रवास और चुनावी राज्यों के लिए नियुक्त किए गए चुनाव प्रभारियों की रिपोर्ट पर भी चर्चा की जाएगी.
अगले 19 दिन होंगे खासे अहम
जाहिर है कि भाजपा की चुनावी रणनीति को लेकर 18 अक्टूबर से 7 नंवबर के बीच के 19 दिन काफी महत्वपूर्ण होने जा रहे हैं. सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संगठन के तमाम पदाधिकारियों और मोचरें के अध्यक्षों को जो टिप्स देंगे. उसके आधार पर अगले 19 दिनों में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महासचिव बीएल संतोष अलग-अलग स्तरों पर बैठक कर 7 नंवबर को होने वाली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक का एजेंडा तय करेंगे और इसी के आधार पर राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में आने वाले प्रस्तावों की रूप-रेखा का निर्धारण भी किया जाएगा.
इस बीच होनी हैं कई महत्वपूर्ण बैठकें
इन 19 दिनों के भीतर होने वाली बैठकों की बात करें तो सोमवार को होने वाली पदाधिकारियों की बैठक के बाद 24 अक्टूबर को भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चे के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होनी है और भाजपा के किसान मोर्चे के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक 30 अक्टूबर को होनी है. इसी दौरान चुनावी रणनीति से काफी महत्वपूर्ण माने जाने वाले भाजपा के ओबीसी मोर्चे के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक भी होनी है, जिसकी तारीख को अंतिम रूप अभी दिया जाना बाकी है. इस बीच पार्टी के 3 महत्वपूर्ण नेता जेपी नड्डा, अमित शाह और बीएल संतोष भी पार्टी के राष्ट्रीय मुख्यालय और 11 अशोक रोड स्थित पार्टी के वॉर रूम में पार्टी के दिग्गज नेताओं और चुनावी राज्य के नेताओं के साथ बैठक कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश के मुताबिक चुनावी रणनीति को अंतिम स्वरूप देंगे. पार्टी के जिन 4 मोर्चों (युवा मोर्चा, महिला मोर्चा, अनुसूचित जाति मोर्चा और अनुसूचित जनजाति मोर्चा) के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक पहले ही हो चुकी है, उन्हें भी पदाधिकारियों की बैठक के बाद चुनाव और संगठन से जुड़े अहम कामों में लगाया जाएगा.
राष्ट्रीय कार्यकारिणी के प्रस्ताव पर भी हो जाएगी चर्चा
भाजपा के एक नेता ने बताया कि नवंबर में कार्यकारिणी की बैठक से पहले भाजपा के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की एक और महत्वपूर्ण बैठक होगी जिसमें राष्ट्रीय कार्यकारिणी में आने वाले प्रस्तावों पर मुहर लगाई जाएगी. दरअसल भाजपा संविधान के मुताबिक पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी फैसला लेने वाली सर्वोच्च और सबसे बड़ी इकाई होती है. इसलिए इस बैठक में सरकार के कामकाज, देश के राजनीतिक-आर्थिक हालात और देश की सुरक्षा से जुड़े अहम मसलों पर चर्चा होती है और प्रस्ताव भी पारित किए जाते हैं. चूंकि 2022 एक चुनावी साल है और कुछ महीनों बाद देश के पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में विधानसभा के अहम चुनाव होने जा रहे हैं, इस लिहाज से भी भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक को काफी अहम माना जा रहा है.
HIGHLIGHTS
- उपलब्धियों, मुद्दों और चुनाव रणनीति पर गुरुमंत्र देंगे पीएम
- बीजेपी पार्टी की उच्चस्तरीय बैठकों का एजेंडा भी तय होगा
- भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी के प्रस्तावों का होगा होमवर्क