पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) से 11,515 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में गुरुवार को पूरे दिन राजनीतिक बयानबाजी चलती रही। केंद्र सरकार ने विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए यह साफ़ कर दिया कि इस मामले में दोषियों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की जाएगी।
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल में ऐसा कोई ऋण नहीं दिया गया, जो एनपीए बन गया हो। नीरव मोदी को संप्रग सरकार के कार्यकाल के दौरान ऋण दिया गया था।'
उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री ने लोकसभा में कहा था कि हमारी सरकार ने ऐसा कोई ऋण नहीं दिया है, जो एनपीए बन गया हो। एनपीए की विरासत हमें कांग्रेस से मिली है।'
उन्होंने नीरव मोदी और उन सब के खिलाफ भी कार्रवाई करने का वादा किया, जिन्होंने उन्हें भगाने में मदद की।
प्रसाद ने कहा, 'किसी को बख्शा नहीं जाएगा।'
उन्होंने कहा, 'धोखाधड़ी का पता लगने के बाद तुरंत कार्रवाई की गई। आयकर विभाग नीरव मोदी के खिलाफ काफी कड़ी कार्रवाई कर रहा है।'
प्रसाद ने नीरव मोदी को 'छोटा मोदी' कहने पर भी कांग्रेस को फटकार लगाई।
उन्होंने कहा, 'राहुल गांधी अपनी क्षमता की वजह से नहीं, बल्कि अपने परिवार की वजह से एक पार्टी के अध्यक्ष हैं। वह किस भाषा का प्रयोग कर रहे हैं?'
यह पूछे जाने पर कि क्या इस घटना से प्रधानमंत्री की छवि पर असर पड़ेगा, उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री की छवि कांग्रेस और कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला जैसी खराब नहीं हो सकती। प्रधानमंत्री के पास भारत के लोगों का आशीर्वाद है।'
कांग्रेस ने गुरुवार को मोदी सरकार पर धोखाधड़ी को रोक पाने और नीरव मोदी को देश से भगाने में मदद करने वालों को पकड़ने में 'विफल' रहने का आरोप लगाया।
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रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण बोली धोखाधड़ी यूपीए सरकार के समय हुई
रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में 11,500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी यूपीए सरकार के दौरान हुई। रक्षामंत्री ने कहा कि हीरा कारोबारी नीरव मोदी समेत जो भी इस धोखाधड़ी शामिल हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।
उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा, "यह यूपीए (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) सरकार के समय हुआ था। दरअसल, हमने इसे प्रकाश में लाया। निश्चित रूप से इसमें कार्रवाई होगी।"
निर्माला ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार यूपीए के एक के बाद एक घोटाले को उजागर कर रही है।
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कांग्रेस ने सरकार पर विफलता का लगाया आरोप
कांग्रेस ने घोटाले को रोकने में सरकार की 'विफलता' पर सफाई देने की मांग की और कथित मुख्य आरोपी अरबपति आभूषण कारोबारी नीरव मोदी को देश से भागने में मदद करने वालों की पहचान करने को कहा।
प्रधानमंत्री और उनकी सरकार के सामने कई सवाल खड़े करते हुए कांग्रेस ने आरोप लगाया कि 26 जुलाई 2016 से पहले ही प्रधानमंत्री कार्यालय में शिकायत दर्ज करा दी गई थी, इसके बाद भी प्रधानमंत्री कार्यालय या किसी अन्य प्राधिकरण ने कोई कदम नहीं उठाया।
कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, "कांग्रेस जवाबदेही, जिम्मेदारी और धन की वसूली की मांग करती है और जवाब चाहती है कि किसने 'छोटा मोदी' को देश से भागने में मदद की।"
उन्होंने कहा, 'पूरी प्रणाली को नजरअंदाज किया गया है। सभी विनियामक प्रणाली को तोड़ा गया है। सभी चीजें आडिटर व जांचकर्ताओं के सामने होती रहीं। जोखिम प्रबंधन व धोखाधड़ी का सुराग लगाने की क्षमता सिफर हो गई। फिर भी मोदी सरकार हमें विश्वास दिलाती है कि यह पूरी धोखाधड़ी दो कर्मचारियों द्वारा की गई है।'
उन्होंने कहा कि मोदी को इस पूरी धोखाधड़ी के बारे में व्हिसिलब्लोअर हरिप्रसाद द्वारा जानकारी दी गई थी। हरिप्रसाद ने 26 जुलाई 2016 को एक लिखित शिकायत की थी। इसे प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा स्वीकार किया गया था।
सुरजेवाला ने कहा कहा कि प्रधानमंत्री ने जुलाई 2016 में लिखित शिकायत प्राप्त करने के बाद भी बैंकिंग क्षेत्र को बचाने के लिए कोई कार्रवाई क्यों नहीं की।
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राहुल गांधी का आरोप प्रधानमंत्री को गले लगाओ, देश से भाग जाओ
इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि नीरव मोदी ने भारत को लूटने की गाइडलाइन जारी की है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, 'भारत को लूटने की नीरव मोदी द्वारा दी गई गाइड लाइन: प्रधानमंत्री को गले लगाओ। उनके साथ दावोस में दिखो। इस प्रभाव का इस्तेमाल कर 12 हजार करोड़ लूटो और जब सरकार दूसरी तरफ मुंह कर ले तो माल्या की तरह देश से भाग जाओ।'
अरविंद केजरीवाल ने आरोपी नीरव मोदी को भागने में मदद करने का आरोप लगाया
वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मोदी सरकार पर पीएनबी से 11,515 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले के प्रमुख आरोपी नीरव मोदी को देश से भागने में मदद करने का आरोप लगाया।
आम आदमी पार्टी (आप) के नेता ने एक ट्वीट में कहा, 'क्या यह मानना संभव है कि वह (नीरव मोदी) या विजय माल्या भारतीय जनता पार्टी (सरकार) की मिलीभगत के बगैर देश से भाग गए?'
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ममता बनर्जी ने मामले की पूरी जांच कराने की मांग की
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने वित्तीय धोखाधड़ी मामले की पूर्ण जांच कराने की मांग की और कहा कि वह केंद्र सरकार को तब तक चैन की सांस नहीं लेनी देगी, जब तक लोगों के पैसे सुरक्षित नहीं होंगे। बनर्जी ने कहा उन्होंने वित्त मंत्रालय को प्रस्तावित वित्तीय समाधान एवं जमा बीमा (एफआरडीआई) विधेयक को समाप्त करने के लिए खत लिखा है।
झारग्राम जिले में एक जनसभा में उन्होंने कहा, 'लोग मुंबई में पंजाब नेशनल बैंक में हुए धोखाधड़ी के बारे में जानकार हैरान हैं। वहां 11 हजार करोड़ का घोटला हुआ। यह आम लोगों का पैसा था। किसने यह पैसा लिया? किसने इसे खाया?'
उन्होंने कहा, 'भगोड़े पैसे चुराकर भाग गए लेकिन आम लोगों का क्या होगा। इस तरह के घपलों की अवश्य ही जांच की जानी चाहिए। लोगों के पैसे की सुरक्षा अवश्य ही सुनिश्चित की जानी चाहिए। हम उन्हें यह सुनिश्चित होने तक चैन की सांस नहीं लेने देंगे।'
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मोदी सरकार के कार्यकाल में फल-फूल रहा पूंजीवाद- सीपीएम
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव और नेता प्रकाश करात ने कहा कि यह मामला दिखाता है कि मोदी सरकार के कार्यकाल में घोर पूंजीवाद फल-फूल रहा है।
दावोस में नीरव मोदी पीएम के साथ फोटो खिचवाते दिख रहे थे। विजय माल्या की तरह ही नीरव मोदी को भी भागने दिया जाएगा? इस मामले में विस्तृत जांच होनी चाहिए।
बैंक के सीईओ सुनील मेहता का बयान
देश में सार्वजनिक क्षेत्र के दूसरे सबसे बड़े बैंक पीएनबी की मुंबई स्थित एक शाखा में 1.8 अरब डॉलर घपला उजागर होने पर गुरुवार को बैंक के प्रबंध निदेशक व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सुनील मेहता ने कहा कि धोखाधड़ी में शामिल किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।
फोर्ब्स इंडिया की 2013 की अमीर व्यक्तियों की सूची में शामिल नीरव मोदी को पत्रिका ने तीसरी पीढ़ी के हीरे का कारोबारी बताया है। उनका पालन-पोषण बेल्जिम में हुआ और व्हार्टन से निकाले जाने पर 1990 में वह भारत आए और आखिरकार दिल्ली, मुंबई, न्यूयार्क, हांगकांग, लंदन और मकाऊ में 16 स्टोर के साथ नीरव मोदी ब्रांड बन गए।
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HIGHLIGHTS
- राजनीतिक दलों के नेता धोखाधड़ी के इस मामले को लेकर एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप में जुटे रहे
- पीएनबी प्रमुख ने कहा कि धोखाधड़ी का पता 25 जनवरी को चला
- केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) समेत अन्य जांच एजेंसियों को 29 जनवरी को इसकी जानकारी दे दी गई
Source : News Nation Bureau