सीबीआई की एक विशेष अदालत ने शनिवार को पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) धोखाधड़ी मामले में 11 आरोपियों को 28 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
सीबीआई ने आरोप लगाया है कि हीरा कारोबार नीरव मोदी और उसके चाचा मेहुल चॉकसी द्वारा नियंत्रण वाली कंपनियों ने पंजाब नेशनल बैंक के कुछ अधिकारियों से साठगांठ कर 13,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के फर्जी एलओयू और साख पत्र हासिल किये थे।
प्रमुख आरोपियों गोकुलनाथ शेट्टी (पीएनबी के पूर्व उपमहाप्रबंधक) मनोज खरात (पीएनबी के एकल खिड़की संचालक) हेमंत भट्ट (नीरव की कंपनी के अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता), बेचू तिवारी (पीएनबी के फॉरेक्स विभाग के तत्कालीन मुख्य प्रबंधक) को आज विशेष सीबीआई न्यायाधीश एस आर तंबोली की अदालत में पेश किया गया। इसके अलावा अन्य आरोपियों को भी अदालत में पेश किया गया। अदालत ने सभी आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
इसके अलावा यशवंत जोशी (विदेशी मुद्रा विभाग में स्केल II प्रबंधक), प्रफुल सावंत (स्केले-1 अधिकारी हैंडलिंग एक्सपोर्ट सेक्शन), मनीष बोसामीया (मोदी के स्वामित्व वाले फायरस्टार इंटरनेशनल लिमिटेड के पूर्व एजीएम संचालन), मितेन पांडिया (फायरस्टार के तत्कालीन वित्तीय प्रबंधक) संजय रंभिया (फायरस्टार के लेखा परीक्षक), अनियाथ शिव रमन नायर (गिली इंडिया लिमिटेड के तत्कालीन निदेशक, चिक्सी के स्वामित्व वाली एक गीतांजली समूह की फर्म), विपुल छातिया (गीतांजली समूह के वीपी बैंकिंग परिचालन) भी अदालत में पेश किया गया।
अदालत ने सभी आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
पीएनबी धोखाधड़ी के मामले में सीबीआई ने मोदी और उनकी कंपनियों और चॉकसी के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
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Source : News Nation Bureau