पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में हुए 11,400 करोड़ रुपये के घोटाले में सोमवार को आरोपियों से केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के पूछताछ में कई अहम खुलासे हुए।
धोखाधड़ी मामले में गिरफ्तार पीएनबी के पूर्व डिप्टी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्टी ने जांचकर्ताओं को बताया है कि उसने अनधिकृत रूप से स्विफ्ट प्रणाली के पांचवें स्तर के पासवार्ड को प्राप्त कर लिया था, जिसका इस्तेमाल इस घोटाले में लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) और विदेशी साख पत्र (एफएलसी) के जरिए पैसा जारी करने के लिए किया गया।
शेट्टी ने यह खुलासा सीबीआई के अधिकारियों द्वारा उनसे एलओयू के अंतर्गत दूसरे बैंकों को गारंटी और एफएलसी मुहैया कराने की कार्यप्रणाली के संबंध में पूछताछ के बाद किया।
शेट्टी ने जांचकर्ताओं को यह भी बताया कि उसने इस पासवर्ड को अन्य लोगों, जरूरी कर्मचारियों और नीरव मोदी की कंपनी के निदेशकों के साथ साझा किया था।
पांचवें स्तर का पासवर्ड वह जरिया था, जिसके तहत स्विफ्ट प्रणाली के जरिए नीरव मोदी और गीतांजलि समूह को कई बैंकों से पैसे जारी किए गए थे, जिस वजह से 11,300 करोड़ रुपये का पीएनबी धोखाधड़ी संभव हो सका।
अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संचार प्रणाली (स्विफ्ट) का मुख्यालय बेल्जियम में है, जो एक नेटवर्क मुहैया कराती है, जिसके अंतर्गत सुरक्षित और मानकीकृत तरीके से वित्तीय संस्थाओं को वित्तीय लेन-देन के लिए सूचनाएं प्राप्त की जाती हैं या भेजी जाती हैं।
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इस बीच सीबीआई ने सोमवार को नीरव मोदी की कंपनी के मुख्य वित्त अधिकारी (एफएलओ) विपुल अंबानी और रवि गुप्ता के अलावा कई पीएनबी अधिकारियों से पूछताछ की।
सीबीआई ने धीरूभाई अंबानी के छोटे भाई नटुभाई अंबानी के बेटे विपुल अंबानी से इस संबंध में मुंबई में लगभग आठ घंटे तक पूछताछ की। वह नीरव मोदी की कंपनी फायरस्टार के मुख्य वित्त अधिकारी हैं।
एजेंसी ने सोमवार को पीएनबी के ब्रैडी हाऊस शाखा को भी सील कर दिया, जहां से यह घोटाला हुआ था।
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Source : IANS