पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले के मुख्य आरोपियों में शामिल फरार हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के खिलाफ इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस (आरसीएन) जारी किया है. चोकसी और उसके भतीजे नीरव मोदी पीएनबी के 13,500 करोड़ रुपये के घोटाले के आरोपी हैं. मेहुल चोकसी इस साल जनवरी में भारत से फरार होकर एंटीगुआ की नागरिकता ले लिया था. चोकसी और उसकी कंपनियों के खिलाफ बैंक के साथ 7,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप हैं. सीबीआई ने कई महीने पहले इंटरपोल से रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने का आवेदन किया था जिसके खिलाफ चोकसी ने अपील भी की थी.
सीबीआई के प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने कहा, 'सीबीआई के अनुरोध पर इंटरपोल ने मेहुल चोकसी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है.'
गीतांजलि ज्वेलर्स के मालिक मेहुल चोकसी ने आरोप लगाया कि उसके खिलाफ केस राजनीतिक साजिश का परिणाम है. इसके अलावा उसने भारत में जेलों की स्थिति और अपनी सुरक्षा और स्वास्थ्य को लेकर सवाल उठाए थे.
सूत्रों के मुताबिक, यह मामला 5 सदस्यीय इंटरपोल कमेटी कोर्ट के पास गया था, जिसे कमीशन फॉर कंट्रोल ऑफ फाइल्स के नाम से जाना जाता है. इसी ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया.
क्या है रेड कॉर्नर नोटिस
बता दें कि रेड कॉर्नर नोटिस (RCN) भगोड़े अपराधियों के लिए एक इंटरनेशनल वारंट होता है जिसमें इंटरपोल अपने सदस्य देशों को आरोपियों को गिरफ्तारी या हिरासत में लेने का अनुरोध करता है. इस नोटिस के बाद मेहुल चोकसी के द्वारा भारतीय पासपोर्ट का उपयोग कर यात्रा करने पर प्रतिबंध लग जाएगा.
अधिकारियों के अनुसार, चोकसी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी होने के साथ ही उसके प्रत्यर्पण या निर्वासन की प्रक्रिया शुरू हो सकती है. चोकसी को इंटरपोल के 192 सदस्य देशों में से किसी के द्वारा भी गिरफ्तार किया जा सकता है.
नीरव मोदी व मेहुल चोकसी के खिलाफ फरवरी में पीएनबी धोखाधड़ी से जुड़े मामले में ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी की गई थी. प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा लगाए गए धनशोधन के आरोपों के आधार पर इंटरपोल ने जुलाई में नीरव मोदी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था.
अगर कोई अपराधी आरसीएन जारी होने के बाद भारतीय पासपोर्ट के साथ किसी तरह से ऐसी कोशिश करता है तो इंटरपोल के जरिये भारतीय एजेंसियों को अलर्ट किया जाएगा. सीबीआई पीएनबी घोटाले में नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के खिलाफ अलग- अलग चार्जशीट फाइल कर चुकी है.
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पिछले महीने दाखिल चार्जशीट में सीबीआई ने बताया कि मेहुल चोकसी ने 7,080.86 करोड़ रुपये का गबन किया और नीरव मोदी ने 6,000 करोड़ रुपये का फ्रॉड किया. जो देश का सबसे बड़ा बैंकिंग घोटाला बन गया.
क्या है पीएनबी घोटाला:
पंजाब नेशनल बैंक ने 11,400 करोड़ रुपये के घोटाले के बारे में 14 फरवरी को जानकारी दी थी, जिसमें हीरा कारोबारी नीरव मोदी ने पीएनबी के एक ब्रांच से फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) और फॉरेन लेटर्स ऑफ क्रेडिट (एफएलसी) के जरिये विदेशों में दूसरे भारतीय बैंकों से पैसे निकाले. जांच के बाद बैंक के 1,200 करोड़ रुपये के घोटाले का मामला और सामने आया था.
यह घोटाला 2011 में ही शुरु हुआ था और इस साल जनवरी के तीसरे सप्ताह में सामने आया जिसके बाद पीएनबी अधिकारियों ने संबंधित एजेंसियों को इसकी सूचना दी थी. पीएनबी ने इस मामले में सीबीआई के समक्ष 13 फरवरी को दूसरी एफआईआर फाइल की थी. इससे पहले सीबीआई ने 28 जनवरी को पीएनबी से पहली शिकायत प्राप्त की थी और 28 जनवरी को केस दर्ज किया था.
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इस घोटाले का खुलासा तब हुआ जब विदेश में स्थित भारतीय बैंकों ने पीएनबी से पैसों की मांग की थी. मामले में सीबीआई और ईडी बैंक अधिकारियों, गीतांजलि ग्रुप के अधिकारियों, नीरव मोदी ग्रुप के अधिकारी सहित कई लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. फरार नीरव मोदी लंदन में रह रहा है. बता दें कि नीरव मोदी और उनके मामा मेहुल चोकसी कई बार ईडी और सीबीआई को घोटाले की रकम को नहीं लौटाने की बात कह चुके हैं.
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Source : News Nation Bureau