अब तक के सबसे बड़े 11300 करोड़ के बैंकिंग घोटाले के आरोपी नीरव मोदी केस दर्ज होने के एक दिन बाद ही देश छोड़कर फरार हो गए थे।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, नीरव मोदी एक जनवरी को देश छोड़कर चले गए। उनके खिलाफ 29 जनवरी को पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) बैंक ने सीबीआई से जांच की गुजारिश की थी।
जिसके बाद केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने 31 जनवरी को इस मामले में केस दर्ज किया और उनके खिलाफ 31 जनवरी को लुकआउट जारी किया था।
सूत्रों ने बताया, 'नीरव मोदी की पत्नी (अमेरिकी नागरिक) ने 6 जनवरी को भारत छोड़ा, एक और रईस ज्वैलर मेहुल चौकसी (गीतांजलि जूलरी चेन के भारतीय प्रमोटर) ने 4 जनवरी को, जबकि नीरव मोदी के भाई नीशाल मोदी ने एक जनवरी को भारत छोड़ दिया। नीशाल बेल्जियन सिटिजन हैं।'
सूत्रों ने कहा कि सभी आरोपियों के खिलाफ सीबीआई ने 31 जनवरी को लुकआउट जारी किया था।
Nirav Modi left the country on 1st of January. CBI received complaint from PNB on 29th Jan 2018. CBI registered the case on 31st January. Lookout notice has also been issued against Nirav Modi: Official Sources
— ANI (@ANI) February 15, 2018
सीबीआई ने हीरा कारोबार में सेवा प्रदान करने वाले अरबपति नीरव मोदी और उनके भाई, पत्नी और एक कारोबारी के खिलाफ धोखाधड़ी में मामला दर्ज किया है। सभी पर आरोप है कि पीएनबी के अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर 11300 करोड़ की धोखाधड़ी की।
सीबीआई ने इनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता के तहत आपराधिक साजिश रचने, धोखाधड़ी करने और भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मामला दर्ज किया है। सीबीआई की एफआईआर के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है।
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जांच के सिलसिले में ईडी ने गुरुवार को नीरव मोदी के कई ठिकानों पर दबिश दी। वहीं सीबीआई ने बुधवार को भी छापेमारी की थी।
पीएनबी की सफाई
देश के दूसरे सबसे बड़े सार्वजनिक बैंक के सीएमडी सुनील मेहता ने पूरे घोटाले पर गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस कर सफाई दी। उन्होंने कहा कि फर्जीवाड़े की रकम वसूलने का काम शुरू हो चुका है और आरोपी की संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया चल रही है।
उन्होंने नीरव मोदी के फरार होने पर कहा कि दोषियों को वापस लागे की पूरी कोशिश होगी। हालांकि उन्होंने कहा कि अभी तक ये प्लान नही है कि कैसे पैसा वापस लाएंगे।
सुनील मेहता ने कहा, 'बैंक इस फर्जीवाड़े के दोषियों को पकड़ने और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के लिए अपनी पूरी क्षमता लगा रहा है और वह इस मामले निपटने में पूरी तरह सक्षम है।'
पीएनबी ने इस घोटाले का उजागर होने के बाद अपने 10 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। इन निलंबित अधिकारियों से जांच एजेंसियां अब पूछताछ करने में जुटी हैं।
उन्होंने कहा कि गलत तरीके से लेटर्स ऑफ अंडरटेंकिंग (एलओयू) जारी कर घपला किया गया और कोई ट्रांजैक्शन केंद्रीकृत बैंकिग प्रणाली से नहीं हुआ। इसमें बैंक के जूनियर अफसर शामिल हैं। धोखाधड़ी के इस मामले में विदेशी करेंसी खाते में पैसे भेजे गए थे।
मेहता ने कहा कि इस मामले में बैंक के स्टाफ शेट्टी और एक अन्य को नामजद आरोपी बनाया गया है। उन्होंने कहा कि पीएनबी के शेट्टी और उनके साथी पर कार्रवाई हुई है।
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Source : News Nation Bureau