कवि कुमार विश्वास ने केंद्र सरकार द्वारा 1 फरवरी को पेश किए गए अतंरिम बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि 'अब भक्त इसे सदी का सबसे महान #Budget2019 बताएंगे और विरोधी इस बजट को जानने-पढ़ने व चर्चा के बजाय आम आदमी और देश के ख़िलाफ़ बजट बताएंगे. मीडिया-मुग़ल राजनैतिक पार्टियों और आकाओं से अपने खट्टे-मीठे संबंधों के स्वादानुसार ज्ञान बघारेगें. देश के हिसाब से तटस्थ व्याख्या करिए ना.'
वहीं हाई रिस्क वाले इलाकों में तैनात सैनिकों की भत्ते बढ़ाने पर ख़ुशी ज़ाहिर करते हुए कुमार विश्वास ने कहा, 'इसके लिए पीएमओ और पीयूष गोयल का आभार. सेना के ट्विटर हैंडल को टैग करते हुए लिखा कि आपके त्याग का कोई प्रतिफल नहीं, मगर देश की ओर से यह कृतज्ञता ज्ञापन मात्र है.'
वहीं एक ट्विटर यूजर पर प्रतिक्रिया देते हुए कुमार विश्वास ने कहा, 'भाई हम पर तो 33 % आयकर और 18 % GST दे रहे हैं. करोड़ों में टैक्स दिया है,दे कर भी ख़ुश हैं बशर्ते कि वो पूजा-भाव से कमाया हुआ मानदेय देश का कोई दलाल चुरा न ले या राजनैतिक आकाओं की कृपा से पला हुआ कोई डकैत विदेश लेकर भाग न जाए बस. देश के काम ईमानदारी से आ भर जाए.'
भाई हम पर तो 33 % आयकर और 18 % GST दे रहे है ! करोड़ों में टैक्स दिया है,दे कर भी ख़ुश हैं बशर्ते कि वो पूजा-भाव से कमाया हुआ मानदेय देश का कोई दलाल चुरा न ले या राजनैतिक आकाओं की कृपा से पला हुआ कोई डकैत विदेश लेकर भाग न जाए बस😜🙏 देश के काम ईमानदारी से आ भर जाए 🇮🇳 #Budget2019 https://t.co/FGU879xknT
— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) February 1, 2019
बजट लेखानुदान के बजाय वोटों का लेखाजोखा: चिदंबरम
वहीं पूर्व वित्तमंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने अंतरिम बजट को लेखानुदान नहीं, बल्कि वोटों का लेखाजोखा बताया और कहा कि मोदी सरकार ने वित्तीय स्थिरता को और कमजोर किया है. चिदंबरम ने मीडिया से कहा, "यह 'वोट ऑन अकाउंट' नहीं बल्कि 'अकाउंट फॉर वोट' है."
उन्होंने कहा, "यह एक पूर्ण बजट था, जिसके साथ चुनाव प्रचार का भाषण भी था. ऐसा करके सरकार ने पुरानी परंपरा को रौंदा है."
उन्होंने कहा कि सरकार को सत्ता में वापसी की कोई उम्मीद नहीं है, इसलिए 'निराशापूर्वक व बिना विचारे काम कर रही है और संविधान का उल्लंघन कर रही है.'
उन्होंने कहा कि बड़ी बात जो ध्यान रखने योग्य है, वह यह कि मौजूदा सरकार ने 'वित्तीय स्थिरता को और अधिक कमजोर किया है.'
उन्होंने कहा, "सरकार लगातार दूसरे साल राजकोषीय घाटे के लक्ष्य से चूक गई है. संशोधित अनुमान 3.3 फीसदी से 3.4 फीसदी की चूक को दिखाता है. यह 2019-20 के लिए और भी बदतर है. सरकार ने 3.4 फीसदी के एफडी का प्रस्ताव दिया है. सरकार ने एफआरबीएम एक्ट को दरकिनार कर दिया है."
चिदंबरम ने कहा, "इसी तरह से सरकार साल का अंत 2.5 फीसदी के चालू खाता घाटा (सीएडी) के साथ करेगी, जबकि बीते साल सीएडी 1.9 फीसदी था."
गायों के कल्याण के लिए योजना, मत्स्य पालन के लिए नया विभाग, असंगठित मजदूरों के लिए पेंशन योजना सहित अंतिम समय में की गई सरकार की घोषणाओं का जिक्र करते हुए चिदंबरम ने कहा, "अगर ये महत्वपूर्ण और जरूरी थे तो सरकार बीते पांच सालों से क्या कर रही थी."
अंतरिम बजट में नौकरियों व शिक्षा पर चुप्पी का जिक्र करते हुए पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने मोदी सरकार का मखौल उड़ाया. चिदंबरम ने कहा कि सभी इसे 'पकोड़ानामिक्स' समझते हैं.
उन्होंने कहा, "बजट भाषण से दो शब्द शिक्षा व रोजगार गायब थे. वित्तमंत्री पीयूष गोयल द्वारा प्रस्तुत 10 बिंदु के विजन डाक्यूमेंट में शिक्षा व रोजगार के बारे में कुछ नहीं था."
चिदंबरम ने कहा, "बजट में नौकरियों के बारे में कुछ नहीं है, क्योंकि अगर वे नौकरियों के बारे में कुछ कहते तो युवा इसे पकोड़ानॉमिक्स कहकर खारिज करेंगे."
एसपी प्रमुख अखिलेश यादव बोले, खाद की बोरी से 'चोरी' 6 हजार रुपये लौटाना चाहती है बीजेपी
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (एसपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने दो अलग-अलग ट्वीट कर केंद्र सरकार के अंतरिम बजट पर तंज कसा. उन्होंने कहा, "खाद की बोरी से पांच सालों में 5-5 किलो 'चोरी' कर जो निकाला है, बीजेपी अब उसी को छह हजार रुपये बनाकर वापस करना चाहती है. अगले चुनाव में किसान बोरी की चोरी करने वाली बीजेपी का बोरिया-बिस्तर बांध देगी."
अखिलेश यादव ने अपने पहले ट्वीट में कहा, "एक साल के बजट में दस साल आगे की झूठ बात है. बहुसंख्यक भूमिहीन किसानों को इसमें कुछ भी राहत नहीं है. पांच सालों की प्रताड़ना और पीड़ा के बाद किसान, व्यापारी-कारोबारी, बेरोजगार युवा अब भाजपा से मुक्ति चाहते हैं, दिखावटी ऐलान नहीं."
अपने दूसरे ट्वीट में उन्होंने कहा, "केंद्र की बीजेपी सरकार ने पिछले पांच सालों में 5-5 किलो करके खाद की बोरियों से जो निकाला है, चोरी की है, अब उसी को वो छह हजार रुपये बनाकर सालभर में वापस करना चाहती है. बीजेपी ने दाम बढ़ाकर व वजन घटाकर दोहरी मार दी है. अगले चुनाव में किसान बोरी की चोरी करने वाली बीजेपी का बोरिया-बिस्तर ही बांध देगी."
आप ने बजट को बताया मोदी सरकार का आखिरी 'जुमला'
आम आदमी पार्टी (आप) ने शुक्रवार को 2019-20 के अंतरिम बजट को मोदी सरकार का 'आखिरी जुमला' बताया. आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, "मोदी सरकार का आखिरी जुमला : इसके अंतरिम बजट ने भी दिल्ली को पूरी तरह से निराश किया."
आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि पांच सालों में कोई काम नहीं करने के बाद मोदी सरकार जुमलों के विस्फोट के साथ सामने आई है. आप ने किसानों को पर्याप्त धन नहीं देने को लेकर मोदी सरकार पर हमला किया.
किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करने के मकसद के साथ पीयूष गोयल ने प्रधानमंत्री फंड स्कीम के तहत दो हक्टेयर जमीन वाले किसानों को सीधे तौर पर 6000 रुपये वार्षिय आय की सहायता दिए जाने की घोषणा की है.
आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि एक लीटर पानी की बोतल की कीमत 20 रुपये है, जिसकी महीने की कीमत 600 रुपये होती है. लेकिन, सरकार किसानों को सिर्फ 500 रुपये दे रही है.
जुमलों के बाजार में झूठ की टोकरी सजाने का कोई फायदा नहीं: लालू
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने अंतरिम बजट को 'झूठ की टोकरी' बताया. लालू ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर निशाना साधते हुए कहा कि इस बजट का उसे लोकसभा चुनाव में कोई फायदा नहीं मिलनेवाला है. चारा घोटाले से जुड़े कई मामलों में सजा काट रहे लालू ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया, "झूठ की टोकरी जुमलों के बाजार में सजाने का कोई फायदा नहीं. लोग अब जुमले सुनते ही नहीं, बल्कि समझते भी हैं. समझकर मुस्कुराते ही नहीं, बल्कि ठहाका लगाते हैं."
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राजद अध्यक्ष और पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद न्यायिक हिरासत में हैं।. अस्वस्थ लालू का इलाज रांची के एक अस्पताल में चल रहा है. अपने ट्विटर अकाउंट से वे अक्सर विरोधियों पर निशाना साधते रहे हैं.
Source : News Nation Bureau