उत्तर पूर्वी दिल्ली जिले में बीते माह हुई हिंसा (Delhi Violence) में दिल्ली पुलिस एसआईटी (Delhi Police) ने अब तक 3400 से ज्यादा लोग हिरासत में लिए हैं, जबकि 55 लोगों को शस्त्र अधिनियम (Arms Act) के तहत गिरफ्तार किया गया है. दिल्ली पुलिस के मुताबिक हिंसा में मरने वालों की संख्या 52 पहुंच गई है. दिल्ली पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी अधिकृत बयान में यह जानकारी मिली. बयान के मुताबिक अब तक 718 एफआईआर दर्ज हुई हैं. इनमें से 55 मामले शस्त्र अधिनियम के तहत दर्ज किए गए. अब तक कुल 60 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
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अंकित शर्मा हत्याकांड खुलासे के करीब दिल्ली पुलिस
इधर अंकित शर्मा हत्याकांड में दिल्ली पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है. पुलिस ने इस मामले में पांच और आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस इनसे पूछताछ कर रही है. बताया जा रहा है कि पूछताछ के बाद कुछ और गिरफ्तारियां हो सकती हैं. पुलिस ने गुरुवार को इस मामले में सलमान नाम के एक आरोपी को गिरफ्तार किया था. जानकारी के मुताबिक गिरफ्तार किए गए आरोपियों के नाम फिरोज, जावेद, गुलफाम, शोएब और अनस हैं. इस सभी को सलमान से पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया है. जानकारी के मुताबिक पूछताछ में आरोपियों ने कबूल किया कि उन्होंने हिंसा के दौरान अंकित शर्मा के ऊपर चाकू से वार किए थे.
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ईडी पीएफआई औऱ ताहिर हुसैन कनेक्शन की कर रही पड़ताल
प्राप्त जानकारी के मुताबिक ईडी ताहिर हुसैन के संदेहास्पद संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से संबधों की भी पड़ताल कर रही है. पीएफआई पहले से ही दिल्ली दंगों को लेकर खुफिया संस्थाओं और दिल्ली पुलिस के राडार पर है. ईडी पीएफआई पर पहले ही मुकदमा दर्ज कर चुकी है. गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस ने पीएफआई सदस्य दानिश को पहले ही गिरफ्तार करने में सफलता हासिल कर ली है. दानिश पर शाहीन बाग में सीएए के विरोध में चल रहे धरना-प्रदर्शन को फंडिंग समेत दंगा भड़काने के लिए भी पैसे मुहैया कराने का आरोप है. दानिश पीएफआई के काउंटर इंटेलीजेंस विंग का सदस्य बताया जा रहा है. इस बीच एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में दिल्ली पुलिस ने ताहिर हुसैन के तीन और साथियों को गिरफ्तार कर लिया. इनके नाम इरशाद, आबिद और शादाब बताए जा रहे हैं. आरोप है कि ताहिर हुसैन की छत से इन्हीं तीनों ने पेट्रोल बम फेंके. अंकित शर्मा की हत्या के आरोप में ताहिर हुसैन के भाई शाह आलम को भी दिल्ली पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है.
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ताहिर हुसैन पर दंगा भड़काने का भी आरोप
गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत दौरे से ऐन पहले दिल्ली में कई स्थानों पर सामप्रदायिक हिंसा भड़क उठी थी. कई दिनों तक जली दिल्ली में 53 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा औऱ 400 से ज्यादा लोग घायल हुए. दिल्ली पुलिस को अपनी प्रारंभिक जांच में पता चला है कि दंगा पूर्व नियोजित था और इसके पीछे बाहरी ताकतों समेत कुछ लोगों और संगठनों का हाथ था. यूपी और दिल्ली दंगों के पीछे पीएफआई का नाम शुरुआत से ही आ रहा है. यह अलग बात है संगठन इस आरोप से लगातार इंकार करता आ रहा है. हालांकि उत्तर प्रदेश सरकार तो केंद्र से पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की संस्तुति भी कर चुकी है. ताहिर हुसैन पर पीएफआई से संबंध रखने का शक है. चांद बाग स्थित ताहिर हुसैन के घर की छत से जिस भारी मात्रा में पेट्रोल बम, छोटी-बड़ी गुलेल और तेजाब के पाउच बरामद हुए, उससे लगता है कि दंगा पूर्व निय़ोजित था.
HIGHLIGHTS
- अब तक 3400 से ज्यादा लोग हिरासत में लिए गए.
- कुल 60 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
- ताहिर हुसैन के पीएफआई संबंधों की भी जांच.