उन्नाव गैंगरेप की पीड़िता का दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में शुक्रवार देर रात निधन हो गया. पीड़िता के मौत के बाद लोगों के बीच घटना को लेकर आक्रोश और ज्यादा भड़क गया है. समाजवादी पार्टी और कांग्रेस नेता लखनऊ में इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं दिल्ली में कैंडल मार्च निकाला गया. महिलाओं की सुरक्षा को लेकर दिल्ली में लोग राजघाट से इंडिया गेट तक प्रदर्शन कर रहे हैं.
शुक्रवार को महिला सुरक्षा को लेकर राजघाट से इंडिया गेट तक कैंडल मार्च निकाला गया. रास्ते में पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की. पुलिस ने इन्हें रोकने के लिए बैरिकेड लगाए. कैंडल मार्च निकाल रहे प्रदर्शनकारियों ने जब बैरिकेड पर चढ़कर पार करने लगे. लेकिन पुलिस ने बैरिकेड पर चढ़ लोगों को गिराने की कोशिश की. इसके साथ ही पानी की बौछार भी उनपर मारे गए.
Delhi: Police use water canons on protesters who were holding a candle march from Raj Ghat
to India Gate. Protestors are demanding justice for the Unnao rape victim who died yesterday. pic.twitter.com/Q4g9ETtDRe— ANI (@ANI) December 7, 2019
वहीं, दिल्ली पुलिस के पीआरओ एमएस रंधावा ने कहा, 'प्रदर्शनकारी पुलिसकर्मियों पर आग फेंक रहे थे, इसलिए उनपर वाटर कैनन का इस्तेमाल किया गया.दर्शनकारियों को इस क्षेत्र (अरुण जेटली स्टेडियम के पास) से आगे जाने की अनुमति नहीं है. हम उन्हें विरोध स्थल पर वापस जाने के लिए मनाने की कोशिश कर रहे हैं.
इधर, उन्नाव कांड को लेकर अखिलेश यादव धरने पर बैठे हुए हैं. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पीड़िता के परिजनों से मुलाकात करने उन्नाव पहुंची थीं. वहीं बीएसपी चीफ मायावती ने गवर्नर आनंदी बेन पटेल से मुलाकात कर महिलाओं के खिलाफ हिंसा को रोकने के लिए कदम उठाए जाने की मांग की.
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उन्नाव मामले पर घिरी योगी सरकार ने इस बीच पीड़िता के परिजनों के लिए 25 लाख रुपये के मुआवजे और घर देने का ऐलान किया है.
बता दें कि बुरी तरह झुलसी पीड़ित महिला के आखिरी शब्द थे, 'मुझे बचाओ, मैं मरना नहीं चाहती, मैं उन्हें फांसी पर लटकते देखना चाहती हूं.' पीड़िता ने शुक्रवार देर रात दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ने से पहले अपने परिवार के सदस्यों और डॉक्टरों के सामने ये शब्द कहे. पीड़िता हृदयाघात से बच नहीं सकी और उसे रात 11:40 बजे मृत घोषित कर दिया गया. अस्पताल के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा, 'वह दर्द में थी. वह खुद को बचाने की गुहार लगा रही थी.'
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दुष्कर्म के आरोपियों सहित पांच लोगों द्वारा कथित रूप से जलाए जाने के बाद पीड़िता को एयर एंबुलेंस के जरिए लखनऊ से दिल्ली लाकर सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वह 90 फीसदी जल चुकी थी.
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पीड़िता पर उन्नाव के सिंधुपुर गांव के बाहर उस समय हमला किया गया, जब वह दुष्कर्म के मामले में होने वाली सुनवाई के लिए रायबरेली की एक अदालत जा रही थी. उसका अपहरण पांच लोगों हरिशंकर त्रिवेदी, राम किशोर त्रिवेदी, उमेश वाजपेयी, शिवम और शुभम त्रिवेदी ने किया था. उसे पीटा गया, चाकू मारा गया और आग लगाकर मरने के लिए छोड़ दिया गया.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो