स्वयंभू आध्यात्मिक गुरु भय्यूजी महाराज ने इंदौर में अपने आवास पर खुद को गोली मारकर खुदकुशी कर ली। भय्यूजी की आत्महत्या के कारणों का पता पूरी तरह अब तक नहीं चल पाया है।
दो महीने पहले ही मध्य प्रदेश सरकार के द्वारा राज्यमंत्री का दर्जा दिए जाने को ठुकराने वाले भय्यूजी महाराज की आत्महत्या पर राजनीति भी शुरू हो चुकी है।
कांग्रेस नेता मयंक अग्रवाल ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार समर्थन पाने के लिए उन पर लगातार दवाब बना रही थी।
अग्रवाल ने कहा, 'मध्य प्रदेश सरकार सुविधाओं को स्वीकारने और उनकी सरकार को समर्थन करने का दवाब बना रही थी लेकिन उन्होंने मना कर दिया था। वे बुरी तरह से मानसिक दवाब झेल रहे थे। इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए।'
कांग्रेस के इन आरोपों पर अब तक मध्य प्रदेश सरकार का जवाब नहीं आया है।
हालांकि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, 'संत भय्यूजी महाराज को सादर श्रद्धांजलि। देश ने संस्कृति, ज्ञान और सेवा की त्रिवेणी व्यक्तित्व को खो दिया। आपके विचार अनंत काल तक समाज को मानवता की सेवा के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करेंगे।'
बता दें कि भय्यूजी महाराज ने खुद के सर में गोली मारी जिसके बाद बॉम्बे अस्पताल में उनका निधन हो गया।
इंदौर के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) मार्कंड देवसकर ने बताया, 'सुसाइड नोट और पिस्टल को जब्त किया गया है। मामले की सभी दृष्टिकोण से जांच की जा रही है। परिवारवालों से भी पूछताछ की जाएगी।'
वहीं उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) हरिनारायण चारी मिश्रा ने कहा, 'सुसाइड नोट को हमने बरामद किया है। सुसाइड नोट में उन्होंने मानसिक तनाव के बारे में लिखा है लेकिन तनाव के कारणों का पता नहीं चला है। हम मामले की जांच कर रहे हैं।'
जानिए कौन थे भय्यूजी महाराज:
50 वर्षीय भय्यूजी महाराज का असली नाम उदय राव देशमुख था। आध्यात्मिक गुरु बनने से पहले भय्यूजी महाराज मॉडलिंग भी किया करते थे।
भय्यूजी महाराज का सभी राजनीतिक दलों में सीधा दखल रहा है। उनका कांग्रेस और संघ के लोगों से करीबी रिश्ता रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, मनसे प्रमुख राज ठाकरे से भी उनके अच्छे संबंध थे।
देवेन्द्र फडणवीस सहित महाराष्ट्र के लगभग सभी मुख्यमंत्रियों और पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल तक ने भय्यूजी महाराज का अभिवादन कर चुके थे।
वेश्याओं के 51 बच्चों को उन्होंने पिता के रूप में अपना नाम दिया था। पहली पत्नी माधवी के निधन के बाद पिछले साल 49 वर्ष की उम्र में उन्होंने ग्वालियर की डॉ आयुषी के साथ दूसरी शादी की थी।
वह लगातार समाज के लिए कई कार्यक्रम चला रहे थे। पिछले दिनों मध्य प्रदेश सरकार ने उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा दिया था, लेकिन उन्होंने उसे ठुकरा दिया था।
गौरतलब है कि कांग्रेस के शासनकाल में होने वाले अन्ना हजारे के अनशन को खत्म कराने में भय्यूजी महाराज ने ही मध्यस्थ की भूमिका निभाई थी।
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HIGHLIGHTS
- भय्यूजी महाराज ने इंदौर में अपने आवास पर खुद को गोली मारकर खुदकुशी कर ली
- कांग्रेस नेता ने कहा कि MP सरकार समर्थन पाने के लिए उन पर लगातार दवाब बना रही थी
- मध्य प्रदेश सरकार ने उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा दिया था लेकिन उन्होंने उसे ठुकरा दिया था
Source : News Nation Bureau