राम मंदिर भूमि पूजन के दौरान दिए गए इन चार नेताओं के बयान हमेशा रहेंगे याद

अयोध्या के धन्नीपुर गांव में बनने वाली नई 'बाबरी मस्जिद' पर कम से कम दो महीने तक जमीनी स्तर पर कोई काम नहीं होगा. मस्जिद के निर्माण की देखरेख के लिए बनाए गए ट्रस्ट आईआईसीएफ के आधिकारिक प्रवक्ता के अनुसार, ऐसा इसलिए है क्योंकि फसलें खड़ी हैं.

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Yogendra Mishra
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राम मंदिर भूमि पूजन।( Photo Credit : फाइल फोटो)

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अयोध्या के धन्नीपुर गांव में बनने वाली नई 'बाबरी मस्जिद' पर कम से कम दो महीने तक जमीनी स्तर पर कोई काम नहीं होगा. मस्जिद के निर्माण की देखरेख के लिए बनाए गए ट्रस्ट इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (आईआईसीएफ) के आधिकारिक प्रवक्ता के अनुसार, ऐसा इसलिए है क्योंकि अब तक साइट पर फसलें खड़ी हैं. मस्जिद निर्माण से पहले राम मंदिर का भूमि पूजन हो चुका है. भूमि पूजन से पहले तमाम नेताओं के बयान भी विवादों का हिस्सा रहे. आइए एक नजर डालते हैं उन नेताओं के बयान पर जिन्होंने ने राम मंदिर भूमि पूजन से पहले हर तरह से ब्रेकर लगाने का प्रयास किया.

मौलाना साजिद रशीदी

4 अगस्त 2020 को मौलाना साजिश रशीदी ने कहा कि बाबरी मस्जिद कल भी थी, आज भी है और कल भी रहेगी. भूमि पूजन के एक दिन पहले ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा था कि बाबरी मस्जिद कल भी थी, आज भी है और कल भी रहेगी. मस्जिद में मूर्तियां रख देने से या फिर पूजा-पाठ शुरू कर देने या एक लंबे अर्से तक नमाज पर प्रतिबंध लगा देने से मस्जिद की हैसियत खत्म नहीं हो जाती. हमारा हमेशा यह मानना रहा है कि बाबरी मस्जिद किसी भी मंदिर या किसी हिंदू इबादतगाह को तोड़कर नहीं बनाई गई.

7 अगस्त को साजिद रशीदी ने फिर कहा कि एक मस्जिद हमेशा मस्जिद ही रहती है. एक मस्जिद हमेशा एक मस्जिद होगी. मंदिर को गिराने के बाद मस्जिद का निर्माण नहीं किया गया था. अब हो सकता है कि मस्जिद बनाने के लिए मंदिर तोड़ा जाए. आपको बता दें कि मौलाना साजिद रशीदी ने ऑल इंडिया इमाम असोसिएशन बना रखा है और खुद इसका अध्यक्ष भी है.

शरद पवार

19 जुलाई 2020 को मंदिर बनने से पहले शरद पवार ने कहा कि कुछ लोगों को लगता है कि मंदिर बनाने से कोरोना खत्म हो जाएगा. किस बात को महत्व देना चाहिए ये तय करना होगा. हमें लगता है कि पहले कोरोना खत्म होना चाहिए. लॉकडाउन की वजह से आर्थिक नुकसान हो रहा है, राज्य और केंद्र सरकार ने उस पर ध्यान देना चाहिए.'

असदउद्दीन ओवैसी

अयोध्या में होने राम मंदिर के भूमिपूजन से पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने एक बयान दिया था. उन्होंने कहा कि राम सबमें हैं, राम सबके साथ हैं. सरलता, साहस, संयम, त्याग, वचनवद्धता, दीनबंधु. राम नाम का सार है. प्रियंका गांधी के इस बयान पर एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने अब तंज कसा है. 4 अगस्त को असदुद्दीन ओवैसी ने प्रियंका गांधी वाड्रा के ट्वीट के जवाब में कहा खुशी है कि वे अब नाटक नहीं कर रहे हैं. कट्टर हिंदुत्व की विचारधारा को गले लगाना चाहते हैं तो ठीक है, लेकिन भाईचारे के मुद्दे पर पर वो खोखली बातें क्यों करती हैं.

28 जुलाई 2020 को ओवैसी ने कहा पीएम मोदी का भूमि पूजन में शामिल होना संवैधानिक शपथ का उल्लंघन होगा. पीएम मोदी का भूमि पूजन में शामिल होना संवैधानिक शपथ का उल्लंघन होगा. धर्मनिरपेक्षता संविधान की मूल संरचना का हिस्सा है. हम यह नहीं भूल सकते कि बाबरी 400 साल से अधिक समय तक अयोध्या में रही और 1992 में आपराधिक भीड़ ने इसे ध्वस्त कर दिया था.

दिग्विजय सिंह

दिग्विजय सिंह ने भूमि पूजन की टाइमिंग पर सवाल उठाते हुए ट्वीट किया कि सनातन हिंदू धर्म की मान्यताओं को नज़र अंदाज करने का नतीजा. राम मंदिर के समस्त पुजारी कोरोना पोजिटिव. उत्तर प्रदेश की मंत्री कमला रानी वरुण का कोरोना से स्वर्गवास. उत्तर प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष कोरोना पोजिटिव अस्पताल में.

भारत के गृह मंत्री अमित शाह कोरोना पोजिटिव अस्पताल में. मध्यप्रदेश के भाजपा के मुख्यमंत्री व भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष कोरोना पोजिटिव अस्पताल में.

कर्नाटक के भाजपा के मुख्यमंत्री कोरोना पोजिटिव अस्पताल में. दिग्विजय ने 1 अगस्त को भी ट्वीट कर लिखा था कि रही बात मुहूर्त की, तो इस देश में 90 प्रतिशत से भी ज्यादा हिन्दू ऐसे होंगे जो मुहूर्त, ग्रह दशा, ज्योतिष, चौघड़िया आदि धार्मिक विज्ञान को मानते हैं. मैं तटस्थ हूँ इस बात पर कि 5 अगस्त को शिलान्यास का कोई मुहूर्त नही है ये सीधे-सीधे धार्मिक भावनाओं और मान्यताओं से खिलवाड़ है.

Source : News Nation Bureau

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