विश्व हिंदू परिषद की तरफ से आयोजित 'रामराज्य रथ यात्रा' को लेकर तमिलनाडु में विवाद बढ़ रहा है। इस बीच राज्य के मुख्यमंत्री ई पलानीस्वामी ने विपक्षी दलों से इसे राजनीतिक रंग नहीं देने का आग्रह किया।
रामराज्य रथ यात्रा राज्य में प्रवेश कर चुकी है। पलनीस्वामी ने सदन में कहा कि रथ यात्रा मंगलवार की सुबह तमिलनाडु में प्रवेश करने से पहले पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक और केरल से गुजरी है। उनके अनुसार रथ यात्रा ने पांच राज्यों को बिना किसी विरोध के पार कर लिया।
विश्व हिन्दू परिषद ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए समर्थन प्राप्त करने के उद्देश्य से रथ यात्रा का आयोजन किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा, 'रथयात्रा बुधवार को रामेश्वरम पहुंचेगी और वहां से यह केरल में तिरुवनन्तपुरम जाने से पहले तूतीकोरिन, तिरुनेलवेली और कन्याकुमारी जाएगी।'
मुख्यमंत्री ने सदन में रथयात्रा का मुद्दा उठाने वाले विपक्ष के नेता एम. के. स्टालिन से कहा, 'पांच राज्यों की यात्रा कर चुकी रथयात्रा को राजनीतिक रंग देना सही नहीं है।'
पलनीस्वामी ने कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है और धर्मो के आधार पर यहां भेदभाव नहीं हो सकता। सभी को सुरक्षा प्रदान करना सरकार का कर्तव्य है।
उन्होंने कहा कि द्रमुक और कुछ नेता इससे राजनीतिक फायदा लेने का प्रयास कर रहे हैं।
पलनीस्वामी ने कहा कि कुछ मुस्लिम संगठन और राजनीतिक पार्टियां रथयात्रा के तमिलनाडु में प्रवेश का विरोध कर रही हैं।
मुख्यमंत्री के बयान से असंतुष्ट द्रमुक नेता सदन में नारेबाजी करने लगे जिसके बाद स्पीकर पी. धनपाल ने उन्हें निकाले जाने का आदेश दे दिया।
इसके बाद द्रमुक नेता सड़क पर बैठकर विरोध प्रदर्शन करने लगे।
Source : News Nation Bureau