उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कांवड़ यात्रा मार्ग पर सभी दुकानों और सड़क किनारे खड़ी होने वाले फलों-सब्जियों के रेहड़ी पर नेम प्लेट लगाने का आदेश दिए जाने के बाद सियासत गर्मा गई है. नेम प्लेट को लेकर यूपी से शुरू हुई बहस अब देश के दूसरे राज्यों में पहुंच गई है. इस बीच ल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ( AIMIM Chief Asaduddin Owaisi ) ने बड़ा बयान दिया है.
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#WATCH दिल्ली: उत्तर प्रदेश में कांवड़ मार्गों पर खाद्य पदार्थों की दुकानों पर 'नेम-प्लेट' लगाने के निर्देश पर AIMIM अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, "हमने इस मुद्दे को उठाया है और कहा है कि यदि कोई सरकार संविधान के खिलाफ कोई निर्देश पास करती है तो उस पर केंद्र सरकार को… pic.twitter.com/f0CdnOiFqt
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 21, 2024
उत्तर प्रदेश में कांवड़ मार्गों पर खाद्य पदार्थों की दुकानों पर 'नेम-प्लेट' लगाने के निर्देश पर AIMIM अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि हमने इस मुद्दे को उठाया है और कहा है कि यदि कोई सरकार संविधान के खिलाफ कोई निर्देश पास करती है तो उस पर केंद्र सरकार को संज्ञान लेना चाहिए. इससे छूआ-छूत को बढ़ावा मिल रहा है. उन्होंने किस बुनियाद के अनुसार ये निर्णय दिया? खुले तौर पर भेदभाव किया जा रहा है.
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यूपी मे कांवड यात्रा मार्ग की दुकानों पर नाम लिखे जाने के आदेश का मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है. उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा मार्ग की दुकानों पर मालिकों के नाम और मोबाइल नंबर लिखे जाने वाले आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. याचिका में यूपी सरकार के आदेश को रद्द करने की मांग की गई है. सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका NGO एसोशिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स की तरफ से दाखिल की गई है. जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट में याचिका शनिवार ( 20 जुलाई ) सुबह 6 बजे ऑन लाइन दाखिल की गई.
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सुप्रीम कोर्ट ने 20 जुलाई को ही मामले को सुनवाई के लिए लिस्ट किया है. अब याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार 22 जुलाई को सुनवाई करेगा. 22 जुलाई को जस्टिस ऋषिकेश रॉय और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच इस मामले में सुनवाई करेगी.
Source : News Nation Bureau