राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी (NGT)) ने कहा कि प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों को आवासीय क्षेत्र में अनुमति नहीं दी जा सकती और अधिकारियों को उचित नियामक उपायों को लागू करना चाहिए. उसने इसके लिए महाराष्ट्र के मालेगांव और इसके आस-पास स्वास्थ्य सर्वेक्षण कराने के लिए एक समिति गठित की. एनजीटी (NGT) ने कहा कि जहां कहीं भी प्रदूषण करने वाले क्रियाकलाप मिलें, इन्हें रोकने के लिए कदम उठाए जाएं, मुआवजा वसूला जाए और पर्यावरण को फिर से ठीक किया जाए.
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अधिकरण ने कहा कि मालेगांव घनी आबादी वाला शहर है और इसमें बड़े औद्योगिक क्रियाकलाप होते हैं. उन्होंने कहा कि मालेगांव की गतिविधियों से गिरणा नदी में बहुत प्रदूषण होता है और इन उद्योगों का प्लास्टिक कचरा पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने में अहम भूमिका निभाता है.
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एनजीटी (NGT) प्रमुख न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने एक संयुक्त समिति गठित की जिसमें पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और मालेगांव नगर निगम के प्रतिनिधि शामिल होंगे. पीठ ने समिति को मालेगांव और इसके आस पास स्वास्थ्य सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया.
HIGHLIGHTS
- मुआवजा वसूला जाए और पर्यावरण को फिर से ठीक किया जाए:NGT
- मालेगांव की गतिविधियों से गिरणा नदी में बहुत प्रदूषण होता है:NGT
- पीठ ने समिति को मालेगांव के आस पास स्वास्थ्य सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया