भारत में दुनिया का प्रमुख क्रूज पर्यटन स्थल विकसित किया जा सकता है. यह कहना है भारतीय बंदरगाह संघ के अध्यक्ष राजीव जलोटा का. उनका कहना है कि अंतरराष्ट्रीय क्रूज वाहक कोचीन, गोवा और मुंबई जैसे स्थलों के अलावा लक्षद्वीप, अंडमान-निकोबार और पुड्डुचेरी जैसे शहरों की यात्रा के लिए रुचि दिखा रहे हैं. उनका कहना है कि अगर सही नीतियां बनाई जाए तो भारत इस बाजार का लाभ उठा सकता है. बड़ी क्रूज लाइनों के साथ-साथ छोटी क्रूज लाइनों का भी भारत में भ्रमण के लिए जबरदस्त उत्साह है. बता दें, जलोटा क्रूज पर्यटन प्रकोष्ठ के अध्यक्ष भी है.
यूरोप और खाड़ी देशों से आ रहे क्रूज
भारतीय बंदरगाहों के भविष्य नाम के सम्मेलन पर आज जलोटा ने कहा कि लक्षद्वीप, पुड्डुचेरी और अंडमान-निकोबार की अंतरराष्ट्रीय समुदाय में काफी मांग है. हर वर्ष भारत में लाल सागर के रास्ते खाड़ी यूरोप और खाड़ी देशों से अतंरराष्ट्रीय कूज आते हैं. सिंगापुर के साथ-साथ दक्षिण और पूर्व एशिया से भी क्रूज भारत आ रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय टूरिज्म के साथ-साथ घरेलू टूरिज्म में भी बढ़ावा हो रहा है, जिसमें मुंबई से गोवा, कोचीन से लक्षद्वीप शामिल है.
मोरमुगाओ बंदरगाह में पिछले साल आए 1.20 लाख टूरिस्ट
गोवा का मोरमुगाओ बंदरगाह पर्यटकों के लिहाज से महत्वपूर्ण है. मोरमुगाओ बंदरगाह के अध्यक्ष एन विनोद कुमार का कहना है कि इस वर्ष पर्यटकों की संख्या में इजाफा हो सकता है. हमारे पास अगले सीजन के लिए अभी से कॉल आ रहा है. पिछले सीजन में जहाजों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है. पिछले साल 1.20 लाख पर्यटक आए थे, इनमें 90 हजार भारतीय और 30 हजार विदेशी लोग थे. सम्मेलन में मौजूद अधिकारियों का कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि क्रूज पर्यटन में अभी और वृद्धि होगी. मोरमुगाओ बंदरगाह को उम्मीद है कि जनवरी तक उन्नत क्रूज टर्मिनल लॉन्च किया जा सकता है.
टैक्स को लेकर जाहिर की चिंता
एक अधिकारी ने नाम ने छापने की शर्त पर कहा कि स्विस-इटैलियन शिपिंग कंपनी एमएससी क्रूज और रॉयल कैरेबियन इंटरनेशनल ने भी क्रूज पर्यटन के लिए रुचि जाहिर की है. हालांकि, उन्होंने टैक्स को लेकर चिंता जाहिर की है. वे राजस्व विभाग से बात कर रहे हैं. उनसे डाटा मांगा जा रहा है. अधिकारियों का कहना है कि क्रूज पर्यटन इस्राइल-हमास युद्ध के कारण प्रभावित हुआ है.
Source : News Nation Bureau