जनरल मनोज मुकुंद नरवणे (General Manoj Mukund Naravane) ने मंगलवार को देश के 28वें सेना प्रमुख का कार्यभार संभाला. पद संभालने के बाद नरवणे ने कहा कि आतंकवाद पूरी दुनिया की सबसे बड़ी समस्या है. भारत लंबे समय से इसके खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है. यह अब हुआ है जब पूरी दुनिया आतंकवाद से प्रभावित हुई और इसे खतरा मान रही है. इसके साथ ही उन्होंने पाकिस्तान को आतंकवादी अड्डा बंद करने के लिए कहा है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आतंकवादी अड्डा बंद करे नहीं तो भारत के पास हमले का अधिकार है.
सेना प्रमुख नरवणे ने कहा कि अनुच्छेद 370 (Article 370) खत्म करने के बाद जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों में बहुत बड़ी गिरावट देखी गई. आतंकवादी घटनाएं कम हो गई. यह जम्मू-कश्मीर की आबादी के लिए बहुत अच्छी बात है. इस क्षेत्र में शांति और समृद्धि लाने की दिशा में एक कदम आगे है.
Army Chief: Post the abrogation of article 370 there has been definite improvement in the situation on the ground. Incidents of violence have seen a marked decline, this augurs very well for population of J&K. It's a step forward towards bringing peace & prosperity to the region. pic.twitter.com/ZAb5qcgQJu
— ANI (@ANI) December 31, 2019
पाकिस्तान को निशाने पर लेते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि जहां तक हमारे पड़ोसी की बात है तो वो हमारे खिलाफ आंतकवाद का प्रयोग कर रहे हैं. लेकिन यह लंबे वक्त तक नहीं चलेगा. आप लोगों को हर समय बेवकूफ नहीं बना सकते हैं.
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सेना प्रमुख ने कहा कि नियंत्रण रेखा पर संघर्षविराम का उल्लंघन हो रहा है. हमें पता है कि सीमा पार विभिन्न लॉन्चपैड्स हैं जहां आतंकवादी भारत में घुसपैठ की फिराक में हैं. मगर हम इस खतरे से निपटने के लिए तैयार हैं.
Army Chief, General Manoj Mukund Naravane: There are ceasefire violations, we are aware that there are terrorists on the other side in various launchpads waiting to cross over but we are fully prepared to meet this threat. pic.twitter.com/wwqqzii6t0
— ANI (@ANI) December 31, 2019
पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी देते हुए नए सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवाने ने मंगलवार को कहा कि अगर पड़ोसी देश राज्य प्रायोजित आतंकवाद को नहीं रोकता है तो इस स्थिति में भारत के पास आतंक के स्रोत पर हमला करने का अधिकार है. सेना प्रमुख का कार्यभार संभालने के बाद नरवाने ने कहा कि सेना चीन के साथ लगी सीमा के पास युद्धक क्षमता को बढाएगी ताकि वह किसी भी चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहे.
उन्होंने कहा, ‘खतरा उत्तरी और पश्चिमी हिस्सा दोनों ओर से बना हुआ है. पिछले कुछ वर्षों में हम पश्चिमी सीमाओं पर ध्यान दे रहे रहे हैं, जबकि उत्तरी सीमा प्राथमिकता में थोड़ा नीचे थी. एक बार फिर संतुलन बनाने और प्राथमिकताएं तय करने की जरूरत है.’ भारत की समग्र सुरक्षा चुनौतियों के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि हमने प्राथमिकताओं को फिर से संतुलित करने के तहत पश्चिमी सीमा से उत्तरी सीमा पर ध्यान केंद्रित किया है. सीमा पार के आतंकवाद से मुकाबले पर जनरल नरवाने ने कहा कि हमने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ 'दृढ़ संकल्पित दंडात्मक जवाब' की रणनीति बनायी है.
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सेना प्रमुख ने कहा, ‘अगर पाकिस्तान, राज्य प्रायोजित आतंकवाद की अपनी नीति को नहीं रोकता है तो हमारे पास ऐसी स्थिति में आतंक के खतरे वाले स्रोतों पर हमला करने का अधिकार है और सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट अभियान के दौरान हमारे जवाब में इस सोच की पर्याप्त झलक मिल चुकी है
वहीं चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ पर उन्होंने कहा कि देश को इसकी जरूरत थी. इससे तीनों फोर्सेज के बीच बेहतर तालमेल में मदद मिलेगी.बता दें कि सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत आज रिटायर हो गए हैं. उनकी जगह अब जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने सेना प्रमुख का पद संभाल लिया है. मंगलवार को बिपिन रावत की मौजूदगी में ही उन्होंने पदभार को ग्रहण किया.
Source : News Nation Bureau