Electricity crisis: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत देश के कई राज्य में इस समय भीषण गर्मी ( Delhi Hot Weathert ) पड़ रही है. दोपहर होते होते मानों आसमान से आग बरसने लगती है. धरती का गला सूखा हुआ है और आकाश में बादल की एक टुकड़ी तक नजर नहीं आ रही है. यही वजह है कि मारे गर्मी ( Heat Wave ) के लोगों का हाल बेहाल हो रहा है. तापमान बढ़ने के साथ-साथ बिजली की मांग भी तेजी के साथ बढ़ी है. ऐसे में देश में बिजली संकट ( Electricity crisis News ) गहराने का खतरा बढ़ने लगा है. यह हाल तो तब है जब भारत की सबसे बड़ी कोयला कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड ने गर्मी संकट से निपटने के लिए 14.2 प्रतिशत ज्यादा कोयला की सप्लाई की है.
बिजली संकट की चपेट में ये राज्य
बिजली की डिमांड को पूरा करने के लिए अप्रैल में ताप बिजली घरों ने 9.5 प्रतिशत ज्यादा पैदा की है. बावजूद इसके देश के 12 राज्यों में बिजली संकट छा सकता है. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण केवल अप्रैल के शुरुआती 15 दिनों के लिए देश के ताप बिजली घरों के पास कोयले का औसत स्टाक 9.6 दिनों से घटकर 8.4 दिन रह गया है. वहीं बिजली विभाग के अभियंताओं के संगठन ने केंद्र सरकार को चिठ्ठी खिलकर इस समस्या पर ध्यानाकर्षण किया है. पत्र में कहा गया कि अप्रैल 2022 के पहले 15 दिनों में देश में बिजली की डिमांड ने पिछले 38 सालों के अधिकतम स्तर को भी पीछे छोड़ दिया है. यही वजह है कि हरियाणा, झारखंड, गुजरात, महाराष्ट्र, पंजाब और आंध्र प्रदेश में बिजली की बेतहाशा कटौती हो रही है.
बिजली की डिमांड 21 हजार मेगावाट
देश की सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की अगर बात करें तो बिजली की डिमांड 21 हजार मेगावाट है, जबकि सप्लाई केवल 20 हजार मेगावाट हो रही है. अभियंताओं के संगठन ने कहा कि कोयला ढुलाई के लिए वैगन की कमी ने बिजली सप्लाई की विकट समस्या पैदा कर दी है. संगठन ने कहा कि सभी बिजली संयत्रों को पर्याप्त कोयला पहुंचाने के लिए 453 रेलवे रैक की आवश्यक्ता पड़ती है, जबकि हाल ही में यह केवल 379 रैक रिकॉर्ड की गई.
Source : News Nation Bureau