प्रद्युम्न मर्डर मामले में पुलिस की तरफ से आरोपी बनाए गए बस कंडक्टर को सोमवार को ज़मानत नही मिली थी। गुरुग्राम कोर्ट में उसकी ज़मानत पर सोमवार दोपहर 12 बजे सुनवाई शुरू हुई थी।
लगभग आधे घंटे की सुनवाई के बाद अदालत ने जमानत पर फैसला मंगलवार (21 नवंबर) की दोपहर 3 बजे तक सुरक्षित रख लिया है। इससे पहले 16 नवंबर को जमानत पर हुई पहली सुनवाई के दौरान भी कोर्ट ने बेल नहीं दी थी और मामले की अगली सुनवाई की तारीख 20 नवंबर तय की थी।
कोर्ट में हुई सुनवाई के अहम बिंदु
मामले की सुनवाई सोमवार दोपहर 12 बजे शुरू हुई। इस दौरान कोर्ट में केस के मेरिट और ज्युरीडिक्शन पर बहस हुई।
यह पहला ऐसा केस है जिसमे तीन ज्युरीडिक्शन आ रहे हैं। पहला ज्युरीडिक्शन गुरुग्राम पुलिस का है जिसमें कंडक्टर अशोक को आरोपी बनाया गया है।
दूसरा CBI की थ्योरी है जिसमें नाबालिग छात्र को आरोपी बनाया गया है और तीसरा जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड का है। जिसमें कई कानूनी पेचिदगियां है।
साथ ही कोर्ट के ज्युरीडिक्शन पर भी बहस हुई क्योंकि गुरुग्राम की CBI कोर्ट पंचकूला में है लेकिन सुनवाई गुरुग्राम कोर्ट में हो रही है।
सुनवाई के दौरान जमानत पर बहस हुई। कोर्ट में CBI ने कहा कि हमने किसी को क्लीन चिट नहीं दे रहे हैं।
सीबीआई ने कोर्ट में कहा, 'हालांकि जांच अभी पूरी तरह खत्म नही हुई है और सभी साइंटिफिक सबूत, फोरेसिक और अन्य सभी रिपोर्ट कोर्ट में पेश कर दी गई है।'
अशोक के वकील की दलील
अशोक के वकील ने अदालत में कहा, 'CBI की जांच में अशोक के खिलाफ कोई सुबूत नही मिला है और जो खून के धब्बे उसकी शर्ट पर मिले थे उसका DNA मैच भी नही हुआ है।'
इन सभी दलीलों को सुनने के बाद अशोक की जमानत पर फैसला मंगलवार की दोपहर 3 बजे तक सुरक्षित रख लिया गया था।
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Source : News Nation Bureau