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साध्वी के बयान के विरोध में आए कैलाश सत्यार्थी, कहा- प्रज्ञा जैसे लोग गांधी की आत्मा की हत्या कर रहे हैं

सभी राजनीतिक पार्टियों के बाद अब प्रज्ञा के इस विवादित बयान के खिलाफ नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी भी सामने आ गए है.

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Vineeta Mandal
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साध्वी के बयान के विरोध में आए कैलाश सत्यार्थी, कहा- प्रज्ञा जैसे लोग गांधी की आत्मा की हत्या कर रहे हैं

kailash satyarthi

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नाथूराम गोडसे पर बीजेपी नेता साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के दिए बयान का मामला बढ़ता ही जा रहा है. साध्वी प्रज्ञा को अपने बयान की वजह से विपक्ष का जबरदस्त विरोध झेलना पड़ा था. वहीं बीजेपी ने उनके इस बयान से अपना पल्ला झाड़ते हुए इसी निजी बताया करार दिया था. सभी राजनीतिक पार्टियों के बाद अब प्रज्ञा के इस विवादित बयान के खिलाफ नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी भी सामने आ गए है. उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा, 'गोडसे ने गांधी के शरीर की हत्या की थी, परंतु प्रज्ञा जैसे लोग उनकी आत्मा की हत्या के साथ, अहिंसा,शांति, सहिष्णुता और भारत की आत्मा की हत्या कर रहे हैं. गांधी हर सत्ता और राजनीति से ऊपर हैं. बीजेपी नेतृत्व छोटे से फ़ायदे का मोह छोड़ कर उन्हें तत्काल पार्टी से निकाल कर राजधर्म निभाए.'

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के भोपाल सीट से बीजपी उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा आगरा-मालवा में रोडशो के दौरान कहा था, 'नाथूराम गोडसे देशभक्त थे, हैं और रहेंगे। आतंकवादी कहने वाले लोग स्वयं के गिरेबान में झांककर देखें। अबकी चुनाव में ऐसे लोगों को जवाब दे दिया जाएगा.'  हालांकि इस मामले पर विवाद बढ़ता देख मालेगांव ब्लास्ट आरोपी साध्वी प्रज्ञा ने अपने बयान के लिए माफी मांग ली थी.

बता दें कि नाथूराम गोडसे ने 30 जनवरी, 1948 को नई दिल्ली में एक प्रार्थना सभा में जाते समय महात्मा गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी थी. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महात्मा गांधी और नाथूराम गोडसे को लेकर दिए गए बीजेपी नेता साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया में शुक्रवार को कहा कि वह प्रज्ञा को मन से माफ नहीं करेंगे. 

ये भी पढ़ें: महात्मा गांधी को पाकिस्तान का राष्ट्रपिता कहने वाले नेता की बढ़ी मुसीबत, बीजेपी ने किया सस्पेंड

मोदी ने एक चैनल से बातचीत में कहा, 'महात्मा गांधी जी और गोडसे के बारे में जो भी बातें कही गईं या इस प्रकार के जो भी बयान दिए गए, ये भयंकर खराब हैं, हर प्रकार से घृणा के लायक हैं, आलोचना के लायक हैं. सभ्य समाज में इस तरह की भाषा नहीं चलती. इसलिए ऐसा करने वालों को 100 बार सोचना पड़ेगा.'

Source : News Nation Bureau

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