भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का सोमवार को निधन हो गया. उन्होंने आर्मी के एक बड़े अस्पताल में आखिरी सांस ली. वे भारत के 13वें राष्ट्रपति थे. उनका कार्यकाल 2012 से 2017 तक रहा. प्रणब मुखर्जी अपने पीछे पत्नी, दो बेटे और एक बेटी को छोड़ गए. उनकी पत्नी का नाम शुभ्रा मुखर्जी है. बेटे का नाम अभिजीत मुखर्जी और इंद्रजीत मुखर्जी है. बेटी का नाम शर्मिष्ठा मुखर्जी है. माता का नाम राजलक्ष्मी मुखर्जी था. पिता का नाम किनकर मुखोपाध्याय सारानी था. भाई का नाम पियूष मुखर्जी है. बेटी शर्मिष्ठा भी राजनीति से जुड़ी हुई हैं. उनका राजनितिक जीवन 1969 में शुरू हुआ था. वे कई बार राज्य सभा सांसद चुने गए. उनके वित्त मंत्री कार्यकाल के दौरन मनमोहन सिंह को रिज़र्व बैंक का गवर्नर बनाया गया. इंदिरा गांधी की हत्या के बाद प्रणब मुख़र्जी को प्रधानमंत्री पद का सबसे प्रबल दावेदार माना जा रहा था.
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राजीव गांधी के प्रधानमंत्री बनते ही प्रणब को हासिये पर कर दिया गया
राजीव गांधी के प्रधानमंत्री बनते ही प्रणब को हासिये पर कर दिया गया. इसके बाद उन्होंने कांग्रेस का दामन छोड़कर ‘राष्ट्रीय समाजवादी कांग्रेस’ का गठन किया था. लेकिन बाद में उन्होंने अपने दल का विलय कांग्रेस पार्टी में कर दिया. नरसिम्हा राव के कार्यकाल में 1995 से 1996 तक विदेश मंत्री बनाए गए. 1997 में प्रणब को उत्कृष्ट सांसद चुना गया. 2004 में प्रणब ने पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ा था और पश्चिम बंगाल के जंगीपुर संसदीय क्षेत्र से जीत हासिल की थी. उस वक्त ये बात चल रही थी कि सोनिया गांधी के इनकार के बाद प्रणब मुखर्जी को प्रधानमंत्री बनाया जायेगा. अटकलों के बीच मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री चुना गया.
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60 सालों तक राजनीति में एक्टिव रहे
वे भारत के 13वें राष्ट्रपति थे. उनका कार्यकाल 2012 से 2017 तक रहा. वहीं इससे पहले वे 60 सालों तक राजनीति में एक्टिव रहे. वे कांग्रेस का संकटमोचक था. 2019 में उनको सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया था. उनका जन्म 11 दिसंबर 1935 को पश्चिम बंगाल में हुआ था. अपने राजनीतिक जीवन में भारत सरकार के अनेक महत्वपूर्ण मंत्रालयों और पदों पर कार्य कर चुके हैं. राष्ट्रपति बनने से पहले वे केंद्रीय वित्त मंत्री थे. राष्ट्रपति चुनाव में उन्होंने पी.ए संगमा को हराया था. 25 जुलाई 2012 को भारत के तेरहवें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी. पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की मदद से उन्होंने 1969 में राजनीति में प्रवेश किया. 1973 में केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल हो गए. प्रणब मुखर्जी 1982-84 तक देश के वित्त मंत्री रहे.