पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी (pranab mukherjee) अब भी गहरे कोमा में हैं और वेंटिलेटर पर हैं लेकिन उनके गुर्दे संबंधी मानकों में सुधार हुआ है. अस्पताल ने शनिवार को यह जानकारी दी. मुखर्जी का उपचार कर रहे चिकित्सकों ने कहा कि उनकी रक्त आपूर्ति संबंधी क्रियाएं स्थिर (हिमोडायनेमिकली स्टेबल) हैं और उनके फेफड़ों के संक्रमण का उपचार चल रहा है.
चिकित्सकों का कहना है कि किसी व्यक्ति को ‘हिमोडायनेमिकली स्टेबल’ तक कहा जाता है जब उसकी रक्त आपूर्ति मानक-रक्तचाप, हृदय और नब्ज की रफ्तार स्थिर और सामान्य हो. पूर्व राष्ट्रपति को 10 अगस्त को सेना के रिसर्च एंड रेफरेल अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उनकी मस्तिष्क की सर्जरी की गई थी. उनके कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि भी हुई थी. बाद में उनके फेफड़ों में भी संक्रमण हो गया.
अस्पताल ने एक बयान में कहा कि प्रणब मुखर्जी के फेफड़ों के संक्रमण का इलाज चल रहा. उनके गुर्दों संबंधी मानकों में सुधार आया है. वह अब भी गहरे कोमा में हैं और जीवनरक्षक प्रणाली पर ही हैं. वह ‘हिमोडायनेमिकली’ स्थिर हैं. मुखर्जी भारत के 13वें राष्ट्रपति थे और 2012 से 2017 तक राष्ट्रपति पद पर रहे.
आपको बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी (Former President Pranab Mukherjee) की तबीयत में पिछले दिनों कोई सुधार नहीं हुआ था और वह वेंटिलेटर पर थे. सेना के रिसर्च एंड रेफरल अस्पताल ने यह जानकारी दी. चौरासी वर्षीय मुखर्जी का उपचार कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि उन्हें श्वांस संबंधी संक्रमण है, जिसका इलाज चल रहा है. वह अभी वेंटिलेटर पर हैं. मुखर्जी को 10 अगस्त को दिल्ली छावनी स्थित इस अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
Source : Bhasha/News Nation Bureau