सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) आज अवमानना के मामले में दोषी ठहराए गए प्रशांत भूषण (Prashant Bhushan) की सजा पर बहस करेगा. 14 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण को कोर्ट की अवमानना वाले मामले में दोषी करार दिया. न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने भूषण को अवमानना का दोषी ठहराते हुए कहा कि इसकी सजा की मात्रा के मुद्दे पर 20 अगस्त को बहस सुनी जाएगी.
क्या था मामला
27 जून को प्रशांत भूषण ने अपने ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ और दूसरा ट्वीट मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबड़े के खिलाफ किया था. 22 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट की ओर से प्रशांत भूषण को नोटिस मिला. प्रशांत भूषण ने अपने पहले ट्वीट में लिखा था कि जब भावी इतिहासकार देखेंगे कि कैसे पिछले छह साल में बिना किसी औपचारिक इमरजेंसी के भारत में लोकतंत्र को खत्म किया जा चुका है, वो इस विनाश में विशेष तौर पर सुप्रीम कोर्ट की भागीदारी पर सवाल उठाएंगे और मुख्य न्यायाधीश की भूमिका को लेकर पूछेंगे.
हालांकि पहले प्रशांत भूषण ने उन दो ट्वीट का बचाव किया था, जिसमें कथित तौर पर अदालत की अवमानना की गई है. उन्होंने कहा था कि वे ट्वीट न्यायाधीशों के खिलाफ उनके व्यक्तिगत स्तर पर आचरण को लेकर थे और वे न्याय प्रशासन में बाधा उत्पन्न नहीं करते. प्रशांत भूषण ने देश के सर्वोच्च न्यायलय और मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबड़े के खिलाफ ट्वीट किया था, जिस पर स्वत: संज्ञान लेकर कोर्ट कार्यवाही कर रहा है.
प्रशांत भूषण के खिलाफ 11 साल पुराने अवमानना के एक और मामले में सुनवाई शुरू हो गई है. उस समय प्रशांत भूषण ने एक इंटरव्यू में सुप्रीम कोर्ट के आधे जजों को भ्रष्ट कहा था. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण के स्पष्टीकरण को नहीं माना और उनके खिलाफ मामला चलाने का आदेश दिया.
Source : News Nation Bureau